बुरहानपुर के नेपानगर नगर पालिका के मुख्य नगर पालिका अधिकारी (सीएमओ) शैलेंद्र चौहान पर गंभीर आरोप लगे हैं। गुरुवार शाम भाजपा और कांग्रेस के पार्षदों ने एसडीएम भागीरथ वाखला को ज्ञापन सौंपकर जांच की मांग की है।
पार्षदों का आरोप है
कि सीएमओ पीआईसी में अस्वीकृत प्रस्तावों को जबरन लागू कर रहे हैं और प्रेसिडेंट इन काउंसिल की बैठक के निर्णयों की अवहेलना कर रहे हैं। कर्मचारियों के वेतन में मनमानी वृद्धि और कटौती की जा रही है। बिना पीआईसी की स्वीकृति के वित्तीय व्यय किए जा रहे हैं और सामग्री की खरीद बिना मांग पत्र के की जा रही है।
- कुछ कर्मचारियों का मनमाना नियतीकरण।
- कुछ कर्मचारियों के वेतन में मनचाहा वृद्धि एवं कटौती।
- बिना pic की स्वीकृति के वित्तीय व्यय किया जाना।
- अपने हित के चलते कर्मचारियों से मूल पद पर कार्य न करवाना
- बिना मांग पत्र के सामग्री खरीदी करना
- 06 प्रतिशत कमीशन लिए बिना ठेकेदार द्वारा भुगतान ना करना जिसमें चलते काम प्रभावित होते हैं
- मुख्यमंत्री अधोसंरचना भाग 04 में चल रहे निर्माण कार्य में भी आरी लापरवाही और शासन के पैसे का दुरुपयोग किया जाना
- टेंडर जारी करने के बाद भी टेंडर प्राप्त करने वाले को काम न दे कर व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने का काम किया जाना
- Cm हेल्प लाइन पर की शिकायत को बिना समाधान करे कर्मचारियों बोल कर प्रेशर डालकर कटवा ओर cm हेल्प लाइन पर आई शिकायत अनदेखा करना
- 27.12.2025 ( 23/04/2025 प्रेसिडेंट एंड काउंसलिंग की बैठक में जिन मुद्दों पर स्वीकृति नहीं दी गई उसे अपने मनमाने ढंग से करवाना
- कमीशन की लालच में नियम विरुद्ध भुगतान वर्ष 2021_2022 के किए गए
- जनप्रतिनिधियों से सीएमओ साहब कहना कि में स्वयं ट्रांसफर चाहता हु मेरी शिकायत संभाग आयुक्त को करो में पहले ही अपने ट्रांसफर के लिए भीगाज में ऽलाख रुपए दे चुका हु।
- पूर्व में सीएमओ साहब की कुछ ऑफलाइन खरीदी और मनमाने ढंग से कार्य पर अध्यक्ष और अध्यक्ष पति ने सवाल करे तो सीएमओ साहब नगर पालिका के कुछ कर्मचारियों को ले कर खाने शिकायत करे श्री पहुंचे थे।
- महोदय आप से विनम निवेदन हैं इन बिंदुओं पर निष्पक्ष जांच नहीं होती जब तक सीएमओ साहब का स्थानांतरण पर रोक लगाई जाए!
- शासन द्वारा वर्ष 2022 व 2023 में कुल 12 करोड़ 20 लाख की राशि प्रदान की गई थी, जिसका उपयोग ऑफिस बिल्डिंग और कॉप्लेक्स निर्माण कार्य हेतु किया गया। यह कार्य अब पूर्ण रूप से संपन्न हो चुका है।
कार्य में लापरवाही के आरोप
शिकायत में मुख्यमंत्री अधोसंरचना योजना के धन के दुरुपयोग का भी आरोप है। टेंडर जारी होने के बाद भी नियमानुसार काम नहीं दिया जा रहा है। सीएम हेल्पलाइन की शिकायतें भी अनदेखी की जा रही हैं। 27 दिसंबर 2024 और 23 अप्रैल 2025 को हुई प्रेसिडेंट काउंसिल की बैठकों के प्रस्तावों को स्वीकृति नहीं दी गई है। साथ ही नियमों के विपरीत 2021-22 के भुगतान किए गए हैं।
सीएमओ बोले- सभी आरोप निराधार
सीएमओ चौहान ने सभी आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि कुछ पार्षद खुद ठेकेदार बन गए हैं और मनमाने तरीके से बिल पास कराना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ पार्षद फर्जी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करते हैं और अपनी पत्नियों के हस्ताक्षर भी खुद करते हैं। सीएमओ ने इन आरोपों को लेकर मानहानि का दावा करने की बात कही है।
परियोजना अधिकारी को सौंपी जांच
वहीं एसडीएम वाखला ने बताया कि मामले की जांच के लिए ज्ञापन को परियोजना अधिकारी डूडा को भेज दिया गया है।
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