प्रदेश पत्रिका:- बुरहानपुर ‘‘नगर वन‘‘ (सिटी फोरेस्ट) योजनांतर्गत खंडवा मार्ग पर ग्राम झिरी स्थित सरदार पटेल अखंड भारत वन ‘‘सुमंगलम्‘‘ ‘‘नगर वन‘‘ शीघ्र ही मूर्तरूप लेगा। इस पर लगभग 2 करोड़ रूपए की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। इसके साथ ही बुरहानपुर में ‘‘मां भगवती वन‘‘ और ‘‘नगर वाटिका‘‘ को विकसित करने हेतु प्रस्ताव बनाकर स्वीकृति के लिए भेजा गया है। पूर्व की भांति समाज, महिलाओं-युवाओं को साथ लेकर उक्त योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु अभियान के रूप में कार्य करेंगे।
यह बात विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर विकसित होने जा रहे ‘‘नगर वन‘‘ परिसर में पौधारोपण करते हुए विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) ने कही। इस दौरान श्रीमती चिटनिस ने विकसित होने वाले नगर की उपस्थितजनों को विस्तृत जानकारी देते हुए कार्ययोजना से अवगत कराया। इस अवसर पर कलेक्टर हर्षसिंह, जिला वनमंडलाधिरी विद्याभूषण सिंह, महापौर श्रीमती माधुरी अतुल पटेल, जिला पंचायत उपाध्यक्ष गजानन महाजन, जिला पंचायत सदस्य दिलीप पवार, डॉ.अरूण सूर्यवंशी, कैलाश पारीख, नरहरी दीक्षित, रूद्रेश्वर एंडोले, राजेश चारण, सुभाष महाजन सहित अन्य जनप्रतिनिधि व गणमान्य नागरिकों सहित अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।
श्रीमती चिटनिस ने कहा कि बुरहानपुर में बुरहानपुर में सरदार पटेल अखंड भारत वन सुमंगलम् ‘‘नगर वन‘‘ (सिटी फोरेस्ट) विकसित करने हेतु लगातार प्रयासरत हूं। इस हेतु खंडवा मार्ग पर ग्राम झिरी स्थित सरदार पटेल अखंड भारत वन की स्वीकृति प्राप्त हो गई है। इसी प्रकार मां भवगती पहाड़ी से लगे क्षेत्र को मां भगवती वन एवं चिंचाला में नगर वन को मूर्तरूप दिलाने हेतु प्रस्ताव बनाकर शासन को प्रेषित किया गया है। इसके लिए चिंचाला शमशान के समीप भूमि नगर वन तथा मां भवगती वन के लिए भूमि का चयन कर लिया गया है। योजनांतर्गत स्थानीय प्रजाति के पौधों का सघन रोपण कर वनीकरण को बढ़ावा दिया जा सकेगा।ग्राम झिरी के समीप 50 हेक्टेयर भूमि पर बनेगा सरदार पटेल अखंड भारत वन
श्रीमती अर्चना चिटनिस ने बताया कि सांस्कृतिक थीम आधारित वन महोत्सव कैंप आधारित वनीकरण योजना अंतर्गत खंडवा रोड पर ग्राम झिरी के समीप सरदार पटेल अखंड भारत वन को मूर्तरूप दिया जाएगा। इस हेतु 50 हेक्टेयर शासकीय भूमि चिन्हित कर ली गई है। इस नगर वन को सरदार पटेल अखंड भारत वन नाम से जाना जाएगा।
नगर वन में प्रकृति के साथ सामन्जस्य की जीवन शैली व दर्शन का होगा विवरण
विधायक श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि बुरहानपुर जिले में संस्कार वन अभियान के माध्यम से हम गत 14 वर्षों से समाज की सहभागीता व प्रशासन के साथ मिलकर वृक्षारोपण करते आए है। भविष्य में भी सरदार पटेल अखंड भारत वन को विकसित किया जाएगा। जिसमें वृक्षारोपण के साथ इतिहास तथा हमारे भारत देश की गौरवशाली तत्वों की जानकारी व समझ विकसित हो सके। प्रकृति के साथ सामन्जस्य की जीवन शैली व दर्शन का विवरण होगा। इसमें देश के एकीकरण के इतिहास बताने वाले शो भी बताया जाएगा। तालाब का निर्माण किया जाएगा। वहीं प्रकृति से जोड़ने वाली फिल्म दिखाई जाएगी। नौजवान पीढ़ी को लाईट एण्ड साउंड शो भी दिखाया जाएगा। इस वन में सरदार वल्लभ भाई पटेल की विशाल प्रतिमा भी स्थापित की जाएगी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश शासन की सांस्कृतिक थीम आधारित वन महोत्सव कैंप आधारित योजना है।
भू-राजनीतिक एकीकरण में सरदार पटेल जी का योगदान सरदार पटेल जी की सबसे बड़ी देन
विधायक श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि भारत के भू-राजनीतिक एकीकरण में सरदार पटेल जी का योगदान सरदार पटेल जी की सबसे बड़ी देन थी। 562 छोटी-बड़ी रियासतों का भारतीय संघ मिलाकर भारतीय एकता का निर्माण करना। विश्व के इतिहास में एक भी व्यक्ति ऐसा न हुआ जिसने इतनी बड़ी संख्या में राज्यों के एकीकरण करने का साहस किया, यही भारत की रक्तहीन क्रांति थी। आजादी के ठीक पूर्व ही सरदार पटेल जी ने पीवी मेनन जो उस समय यूनाइटेड किंगडम में भारत के उच्च आयुक्त थे के साथ मिलकर यह कार्य आरंभ कर दिया। जिसके फलस्वरूप भारत का भू-राजनीतिक एकीकरण हो सका।
श्रीमती चिटनिस ने कहा कि हमारा ब्रम्हाण्ड, धरती, जीव जंतु व प्राणी भौतिक रूप रचना इन पंच-तत्वों से हुई है। पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि व आकाश से गठित हुआ माना गया है। मानव शरीर में 72 प्रतिशत जल, 12 प्रतिशत पृथ्वी, 6 प्रतिशत वायु, 4 प्रतिशत अग्नि व 6 प्रतिशत आकाश तत्व समाहित है। इसी प्रकार यही पंच-तत्व धरती अर्थात पृथ्वी में समाहित है। कहा गया है, ‘‘यद् पिण्डे तद् ब्रम्हाण्डे” इन पंच-तत्वों का संतुलन शरीर को स्वस्थ रखता है। प्रकृति के इन पंच तत्वों के साथ हमारा व्यवहार प्रकृति को व हमारे जीवन को स्वास्थ्य व सुंदर बनाता है। अर्थात आज पंचतत्व के साथ हमारा व्यवहार अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह जो अचेतन रिश्ता हमारे और प्रकृति के बीच है उसे लेकर सबको जागरूक करने की आवश्यकता प्रतीत होती है। प्रकृति के साथ सामन्जस्य रखते हुए जीना भारतीय जीवन शैली में परम्परा से नीहित है, उससे ही सबका मंगल है। ‘‘सरदार पटेल जी अखंड भारत वन ‘‘सुमगलम्‘‘ भारत की भू-राजनीतिक एकीकरण व प्रकृति के साथ हमारे व्यवहार की थीम पर केंद्रीत होगा, जिसकी विस्तृज जानकारी प्रदर्शित की जाएगी।स्थानीय प्रजाति के पौधों का सघन रोपण कर वनीकरण को मिलेगा बढ़ावा
श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि नगरीय क्षेत्र में बढ़ती आबादी को देखते हुए पेड़ों की आवश्यकता है। कटते वन और घटते ग्रीन कवर के कारण जलवायु परिवर्तन की विपदा और क्षति को तो हम भोग ही रहे है। कम हो रही वृक्षों के कारण भूमिगत जल स्तर तेजगति से गिरता जा रहा है। वृक्षारोपण केवल वन क्षेत्र में रहने वाला समाज व ग्रामीणों की जिम्मेदारी ही नहीं है। इसे समझते हुए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में ‘‘नगर वन‘‘ (सिटी फोरेस्ट) योजना बनाई गई है। योजना का उद्देश्य नगरीय निकाय की सीमा के 5 कि.मी.की परिधि में 10 हेक्टेयर से 50 हेक्टेयर के क्षेत्रफल में स्थानीय प्रजाति के पौधों का सघन रोपण कर वनीकरण को बढ़ावा देना है। उन्होंने बताया कि योजना में प्रस्ताव स्वीकृत होने पर सरकार द्वारा 4 लाख रूपए प्रति हेक्टेयर की दर से वनीकरण हेतु अनुदान दिया जाता है।
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