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बुरहानपुर में ई नेत्र ऐप से हाईटेक हुआ वन विभाग, जंगलों में नहीं बच पाएंगे अपराधी; पेड़ काटते ही जंगल में बज रहा अलार्म

 पेड़ काटते ही जंगल में बज रहा अलार्म, कार्रवाई के लिए दौड़े आते हैं अधिकारी

ई नेत्र ऐप से रूकेगी जंगलों में अवैध कटाई

बुरहानपुर: जिले में वन परिक्षेत्र में अवैध कटाई और अवैध अतिक्रमण के मामले में काफी सामने आते हैं. लेकिन अब ये अपराधी विभाग की नजर से नहीं बच पाएंगे. वन विभाग इन दिनों हाईटेक हो चला है और डिजिटलाइजेशन से जुड़ गया है. जिसके जरिए वन के अंदर हो रही किसी भी प्रकार की हलचल का डायरेक्ट अलर्ट अधिकारियों को मिलता है और कार्रवाई होती है।

मध्य प्रदेश में ई-नेत्र ऐप किया गया लांच

मध्य प्रदेश वन विभाग अब परंपरागत कार्यशैली से आगे बढ़ रहा है और अत्याधुनिक बन चुका है. सरकार ने प्रदेश में ई-नेत्र ऐप लांच किया है. इसका सफल प्रयोग खकनार वन परिक्षेत्र में हुआ हैं, जिसने साबित कर दिया कि अब जंगलों की सुरक्षा अधिक मजबूत और सतर्क हो गई है।

बुरहानपुर में ई नेत्र से हाईटेक हुआ वन विभाग

बुरहानपुर वन विभाग के एसडीओ अजय सागर के मुताबिक, " ई-नेत्र ऐप एक ऐसा डिजिटल एप है, जो जंगल में किसी भी संदिग्ध गतिविधि जैसे पेड़ कटाई, अतिक्रमण या अवैध निर्माण की तत्काल सूचना संबंधित अधिकारियों को लाइव लोकेशन और समय के साथ भेजता है. यह ऐप सेटेलाइट तकनीक से जुड़ी हुई है, जो किसी भी हलचल को पहचानते ही डीएफओ, एसडीओ, रेंजर और डिप्टी रेंजर को अलर्ट देता है. इसके बाद वन अमला तुरंत मौके पर जाकर जांच करता है फिर संबंधित अपराध के आधार पर कार्रवाई की जाती हैं।

ई नेत्र ऐप देता है जंगल में हर गतिविधि का अलर्ट 

ऐप की मदद से की गई कार्रवाई

हाल ही में वन विभाग ने इस ऐप की मदद से एक अपराधिक गतिविधि को पकड़ा है. खकनार वन परिक्षेत्र के जंगल में पाइप लाइन डालने के लिए खुदाई की जा रही थी. लेकिन विभाग को तुरंत नोटिफिकेशन जारी हुआ, जिसके बाद तत्काल वन विभाग का अमला मौके पर पहुंचा और पाइप सहित खुदाई में इस्तेमाल होने वाली सामग्री जब्त कर ली।

मिलती है गति

खकनार वन परिक्षेत्र अधिकारी सचिन बिरला ने बताया, " जब भी ऐप द्वारा कोई संदिग्ध गतिविधि ट्रेस होती है तो अधिकारियों के मोबाइल पर घटना स्थल की सटीक लोकेशन, समय और अलर्ट मैसेज आता है. इसके बाद अधिकारी उस स्थान पर जाकर घटना की पुष्टि करते हैं. उस स्थान से फोटो खींचकर ऐप पर अपलोड करते हैं. इससे न सिर्फ कार्रवाई में गति मिलती है बल्कि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और दस्तावेजीकृत भी बन जाती है।"


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