प्रदेश पत्रिका :- बुरहानपुर विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) के सतत मार्गदर्शन और प्रयासों के परिणाम स्वरूप बुरहानपुर के पंडित शिवनाथ शास्त्री शासकीय स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालय को सत्र 2025-26 हेतु एनसीआईएसएम नईदिल्ली द्वारा मान्यता प्रदान की गई है। संस्था स्तर के सभी मापदंडों में कोई भी कमी नहीं पाई गई है। बी.ए.एम.एस.प्रथम वर्ष में छात्र-छात्राओं की प्रवेश प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ होगी।
श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि आयुर्वेदिक महाविद्यालय की मान्यता निरंतर बनाए रखने के लिए आवश्यक मापदण्डों की पूर्ति रहे, यह सुनिश्चित करना अतिआवश्यक होता है। इस हेतु हम लगातार प्रयासरत रहे है।
उल्लेखनीय है कि बुरहानपुर के पंडित शिवनाथ शास्त्री शासकीय स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालय की आवश्यक मापदण्डों की पूर्ति न होने के कारण निरस्त होती रही है। जिसके बाद श्रीमती अर्चना चिटनिस ने पुनः प्रवेश मान्यता को लेकर मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव, आयुष मंत्री इंदरसिंह परमार सहित संबंधित अधिकारियों से मुलाकात कर महाविद्यालय की मान्यता निरंतर बनी रहे इस हेतु अनुरोध किया था।
श्रीमती चिटनिस द्वारा विगत वर्षों में अनुमति निरस्त होने के कारणों पर समय-समय पर समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए थे। किए गए प्रयासों के परिणाम स्वरूप बुरहानपुर के पंडित शिवनाथ शास्त्री शासकीय स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालय को सत्र 2024-25 मान्यता पुनः बहाल हो पाई थी। अब सत्र 2025-26 के लिए महाविद्यालय को एनसीआईएसएम नईदिल्ली द्वारा मान्यता प्रदान की गई है। श्रीमती चिटनिस ने कहा कि वर्तमान में महाविद्यालय में अध्ययनरत् छात्र-छात्राओं को समस्त सुविधा प्रदान की जा रही है। चिकित्सालय में विस्तर करते हुए मरीजों की चिकित्सकीय सुविधाओं में वृद्धि करने से मापदंडानुसार रोगी संख्या की पूर्ति की जा सकी है। जो कि मान्यता प्राप्त करने में एक अहम मापदंड है।
ज्ञात हो कि श्रीमती अर्चना चिटनिस ने शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय बुरहानपुर को बंद प्रायः अवस्था से नियमित अध्यापन कार्य की अवस्था प्रारंभ कराने और चिकित्सालय को व्यवस्थित और सुचारू रूप से संचालित कराने के लिए लगातार प्रयास करती रही है। महाविद्यालय को 2 दशक पूर्व की अवस्था से बेहतर स्थिति में संचालन कराने की व्यवस्था अंतर्गत लगभग 10 वर्ष पूर्व 12 करोड़ रूपए भवन, यंत्र एवं फर्निचर आदि हेतु स्वीकृत कराकर भवन निर्माण का कार्य कराया गया है। इतना ही नहीं मध्यप्रदेश शासन आयुष विभाग से आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी के पद पर 3 एवं 10 व्याख्याताओं की नियुक्ति कराकर शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय बुरहानपुर को शीघ्र ही पुनः जीवित करने की परिस्थिति प्राप्त कराने में सफलता हासिल की थी।
किन्तु यहां से प्रोफेसर सहित अन्य स्टॉफ ने अपनी प्रतिनियुक्ति अन्य स्थानों पर करा ली थी, जिससे महाविद्यालय में प्रोफेसरों एवं स्टॉफ की कमी हो गई थी। जिसके बाद श्रीमती चिटनिस ने लगातार प्रयास करते हुए प्रोफेसरों की प्रतिनियुक्ति को समाप्त कराते हुए पुनः महाविद्यालय में पदस्थापना कराई। जिससे यहां अध्ययनरत विद्यार्थियों एवं क्षेत्रवासियों को सुविधाएं मिलने लगी।
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