कार्यकताओं द्वारा आंगनवाड़ी केंद्रो एवं घर-घर जाकर चलाया जायेगा अभियान
प्रदेश पत्रिका:- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्यप्रदेश द्वारा 22 जुलाई से 16 सितम्बर, 2025 तक प्रदेश सहित बुरहानपुर जिले में ‘‘स्टॉप डायरिया कैंपेन’’ सह ‘‘दस्तक अभियान’’ का आयोजन किया जा रहा है। एसआरएस 2021-22 अनुसार भारत में 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु का 6-8 प्रतिशत कारण डायरिया है। यह आंकड़ा इस बात का स्पष्ट संकेत है कि डायरिया एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती बना हुआ है। विषय की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्यप्रदेश द्वारा यह अभियान चलाया जा रहा है। अभियान साक्ष्य आधारित गतिविधियों पर केन्द्रित है, जिसका प्रभाव प्रदेश में बाल मृत्यु दर में कमी के रूप में परिलक्षित हुआ है। अभियान में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत शासन के निर्देशों को भी समाहित किया गया है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि, अभियान अंतर्गत जिले में जन्म से 5 वर्ष के लगभग 90 हजार से अधिक बच्चों की चिकित्सा एवं जांच का लक्ष्य रखा गया है। इस दौरान इन बच्चों में गंभीर कुपोषण, एनीमिया, निमोनिया, निर्जलीकरण, संक्रमण की पहचान त्वरित उपचार एवं आवश्यकतानुसार रेफरल के साथ-साथ उन्हें विटामिन-ए का घोल पिलाना, ओ.आर.एस. पैकेट, जिंक टेबलेट का वितरण सेवा प्रदाय की जायेगी।
प्रमुख सेवाएँ एवं गतिविधियाँ-
➡️ निमोनिया व डायरिया की रोकथाम और प्रबंधन, बाल्यावस्था में निमोनिया व डायरिया के लक्षणों की त्वरित पहचान एवं प्राथमिक प्रबंधन (ऑर्स, जिंक. एंटीबायोटिक्स/रेफरल प्रोटोकोल) और सुसंगत रेफरल।
➡️ ऑर्स-जिन को पैकेजिंग वितरण 5 वर्ष से कम सभी बच्चों को ओआरएस तथा जीन टेबलेट की संयुक्त किट (को-पैक) का निःशुल्क वितरण एवं सही उपयोग सुनिश्चित करने हेतु माताओं व परिजनों को समझाईस दी जायेगी।
➡️ गंभीर कुपोषण की पहचान और प्रबंधन 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में सक्रिय रूप से गंभीर कुपोषण (सैम/मैम) की पहचान, चिन्हित बच्चों का त्वरित प्रबंधन एवं आवश्यकतानुसार निकटतम एनआरसी/सीएचसी/रेफरल व एनीमिया स्क्रीनिंग और उपचार 6 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों में डिजिटल हीमोग्लोबिन मीटर से हीमोग्लोबिन की जाँच एवं जाँच के आधार पर प्रोटोकॉल अनुसार उपचार उच्च जोखिम नवजात एवं शिशुओं की निगरानी एचबीएनसी (होम बेस्ड न्यूबोर्न केयर) एवं एचबीवाईसी (होम बेस्ड यंग चाइल्ड केयर) के अंतर्गत हाई रिस्क न्यूबोर्नध्इन्फेंट की पहचान एवं आवश्यकतानुसार रेफरल।
➡️ विटामिन-ए अनुपुरण 9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को आयु के अनुसार विटामिन-ए की खुराक दी जायेगी।
➡️ समुचित पूरक आहार एवं स्तनपान पर परामर्श अभिभावकों को इन्फैंट व यंग चाइल्ड फीडिंग (इयसीएफ) पर परामर्श एवं स्थानीय खाद्य संसाधनों के उपयोग की समझाईस।
➡️ ‘‘स्टॉप डायरिया कैंपेन’’ सह ‘‘दस्तक अभियान’’ की थीम डायरिया की रोकथाम, सफाई और ओआरएस से रखें अपना ध्यान रखी गई है। यह अभियान प्रोटेक्ट, प्रीवेंट, ट्रीट की रणनीति पर आधारित है।
‘‘स्टॉप डायरिया कैंपेन’’ सह ‘‘दस्तक अभियान’’ के तहत डायरिया की रोकथाम हेतु लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग, शिक्षा विभाग, लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी विभाग, महिला बाल विकास विभाग, ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज विभाग, नगरीय विकास एवं आवास विभाग के समन्वय से कार्य किया जाना है।
दस्त संबंधी बीमारियों से निपटने और बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए जनगणना/चिन्हांकन 0 से 5 वर्ष आयु वर्ग के सभी बच्चों का वार्ड/आंगनवाड़ी/ग्रामवार चिन्हांकन एवं हाई रिस्क नवजात, गंभीर कुपोषित अनीमिक व दस्त प्रवृत्त बच्चों की पहचान दस्तक दल जिसमें आंगनवाडी, आशा कार्यकर्ता ए.एन.एम. एवं सीएचओ द्वारा की जावेगी। कार्यशाला को जिला टीकाकरण अधिकारी डा.वाय.बी.शास्त्री, जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री रविन्द्रसिंह राजपूत एवं श्री विजेन्द्र सिंह द्वारा संबोधित किया गया इस अवसर पर खकनार ब्लॉक की 55 से अधिक ए.एन.एम. उपस्थित रही।
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