खंडवा लोकसभा सांसद ज्ञानेश्वर पाटील ने लोकसभा में उठाई मांग - नेपा मिल के कर्मचारीयो का जारी हो लंबित वेतन, स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना को भी जल्द करें लागू....

- 140 गाँवो की अर्थव्यवस्था हैं मिल पर निर्भर
- कार्यरत कर्मचारियों की सेवाएं प्रभावित ना हो
- सदन में गूंजा नेपा मिल के कर्मचारियों का मुद्दा
एशिया महाद्वीप का पहला अखबारी कागज कारखानासांसद ज्ञानेश्वर पाटील ने लोकसभा में नियम 377 के तहत अपनी बात रखते हुए कहा कि मेरे संसदीय क्षेत्र खंडवा में स्थित ऐतिहासिक एवं प्रतिष्ठित नेपालिमिटेड, नेपानगर जिसे "कागज की काशी" के उपमा से अलंकृत किया गया है। यह कारखाना एशिया महाद्वीप का सबसे बड़ा और स्वतंत्र भारत का पहला अखबारी कागज का कारखाना है, जो भारत सरकार के भारी उद्योग विभाग के अधीन एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है। इस मिल के पुनरुद्धार के लिए सरकार द्वारा कुल 469 करोड़ रूपये की वित्तीय सहायता देकर इस मिल का नवीनीकरण किया गया था। मेरे संसदीय क्षेत्र में यह एकमात्र सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है जिस पर लगभग 140 गांवो की अर्थव्यवस्था निर्भर हैं और उन लोगों के रोजगार का एक मात्र साधन भी यही मिल है।
एक वर्ष से वेतन नहीं
सांसद ने बताया कि यहाँ के कर्मचारियों को विगत एक वर्ष से वेतन भुगतान तक नहीं किया जा सका है। मैं भारी उद्योग मंत्री जी से निवेदन करता हूं कि यदि आप इस मिल को बेचना या किराये पर देना चाहते हैं तो उसके पूर्व इस मिल में कार्यरत कर्मचारियों की सेवाएं प्रभावित न होने पाये व उनकी लंबित देनदारियों 2007 व 2017 के लंबित वेतन पुनः निर्धारण को तत्काल लागू किया जाए, जो कर्मचारी सेवानिवृत्ति लेना चाहते हैं उन्हे स्वैछिक सेवानिवृत्ति योजना का लाभ दिया जाए और कर्मचारियों की समुचित व्यवस्था करें।
जिससे यह मिल सतत चलती रहे व इस क्षेत्र की स्थानीय जनता को रोजगार मिलता रहे। मुझे विश्वास है कि सरकार जो भी निर्णय लेगी वो मिल के कर्मचारियों को ध्यान में रखते हुए और उनके हित मे लेगी। सांसद श्री पाटील द्वारा लोकसभा में उठाए गई मांग को लेकर नेपा मिल के कर्मचारीयो, श्रमिक संगठनों व क्षेत्रवासियों ने आभार व्यक्त किया है।
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