मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष अजय रघुवंशी ने किसानों के साथ बुरहानपुर जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर कलेक्टर से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने किसानों के लिए केला फसल बीमा लागू करने की मांग रखी।
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कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष अजय रघुवंशी ने बुरहानपुर जिले में किसानों की तरफ से केला फसल बीमा लागू करने की मांग रखी। |
प्रदेश पत्रिका :बुरहानपुर जिले में कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष अजय रघुवंशी ने किसानों के साथ बुरहानपुर जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर कलेक्टर से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने किसानों के लिए केला फसल बीमा लागू करने की मांग रखी। कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष अजय रघुवंशी ने किसानों के साथ बुरहानपुर जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर कलेक्टर से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने किसानों के लिए केला फसल बीमा लागू करने की मांग रखी।
मंगलवार दोपहर 3:00 बजे कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष अजय रघुवंशी ने बुरहानपुर जिले में किसानों की तरफ से केला फसल बीमा लागू करने की मांग रखी। उन्होंने किसानों के साथ जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर कलेक्टर से मुलाकात की और इस मुद्दे पर चर्चा की। इस मांग का मुख्य उद्देश्य केले की खेती करने वाले किसानों को प्राकृतिक आपदाओं या अन्य जोखिमों से होने वाले नुकसान से बचाना है।
प्रमुख मांगें और मुद्दे
केला फसल बीमा: किसानों का कहना है कि केले की फसल अक्सर तेज हवा, बारिश या अन्य प्राकृतिक आपदाओं से खराब हो जाती है, जिससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान होता है। उनका मानना है कि फसल बीमा लागू होने से उन्हें इन जोखिमों से सुरक्षा मिलेगी।
फसल नुकसान का मुआवजा: रघुवंशी और किसानों ने यह भी मांग की है कि हाल ही में हुए फसल नुकसान का उचित मुआवजा दिया जाए।
अन्य मुद्दे: इस बैठक में किसानों की अन्य समस्याओं, जैसे सिंचाई और बिजली की उपलब्धता पर भी चर्चा हुई।
केले की खेती और बुरहानपुर जिला
बुरहानपुर जिले को "केले का कटोरा" भी कहा जाता है क्योंकि यहां बड़े पैमाने पर केले की खेती होती है। यह जिला देश में केला उत्पादन के लिए जाना जाता है और यहां की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा केले की खेती पर निर्भर करता है। इसलिए, किसानों के लिए फसल बीमा जैसे सुरक्षा उपाय बहुत महत्वपूर्ण हैं।
अगली कार्रवाई
कलेक्टर ने किसानों की मांगों को सुना और उन्हें आश्वासन दिया कि वे इस मामले को सरकार तक पहुंचाएंगे। यह देखना बाकी है कि सरकार इस मांग पर क्या कार्रवाई करती है। यह किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है और उनके भविष्य की सुरक्षा के लिए आवश्यक है।
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