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बुरहानपुर के लालबाग रोड स्थित एक खेत में दीपावली की रात आग लगने से लगभग 11 एकड़ गन्ने की फसल जलकर खाक हो गई। किसान मनीष नरेंद्र पटेल ने आरोप लगाया है कि नगर निगम का फायर ब्रिगेड एक घंटे 10 मिनट की देरी से पहुंचा, जिससे उन्हें भारी नुकसान हुआ।

 

मध्य प्रदेश के बुरहानपुर  में दीपावली की रात गन्ने की फसल में लगी आग लगभग 11 एकड़ गन्ने की फसल जलकर खाक हो गई। यह घटना लालबाग रोड पर स्थित एक खेत में हुई, जहां किसान मनीष नरेंद्र पटेल ने आरोप लगाया है कि नगर निगम की फायर ब्रिगेड घटना के बाद एक घंटे 10 मिनट की देरी से मौके पर पहुंची, जिससे उन्हें भारी नुकसान का सामना करना पड़ा।


🔥 लालबाग रोड, बुरहानपुर में खेत में आग

घटना: दीपावली की रात (लगभग 10 बजे) यह घटना लालबाग रोड पर स्थित एक खेत में हुई, एक खेत में अज्ञात कारणों से आग लग गई।

प्रभावित फसल: लगभग 11 एकड़ गन्ने की फसल जलकर खाक हो गई।

किसान: मनीष नरेंद्र पटेल और पुनीत नितिन पटेल।

नुकसान का कारण: किसान के अनुसार, नगर निगम के फायर ब्रिगेड को मौके पर पहुँचने में लगभग एक घंटा दस मिनट (1 घंटे 10 मिनट) की देरी हुई।

​किसान मनीष नरेंद्र पटेल ने फायर ब्रिगेड की देरी पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिससे उन्हें फसल का लगभग 80 प्रतिशत नुकसान उठाना पड़ा। उन्होंने महापौर, पूर्व विधायक और नगर निगम आयुक्त से भी संपर्क किया था।

 🚨 किसान का मुख्य आरोप: फायर ब्रिगेड की देरी

​आरोप: किसान मनीष नरेंद्र पटेल ने आरोप लगाया है कि नगर निगम का फायर ब्रिगेड मौके पर एक घंटे 10 मिनट की देरी से पहुँचा।

देरी का कारण: किसान के अनुसार, नगर निगम में उस समय केवल एक ही ड्राइवर उपलब्ध था, जिसके कारण फायर ब्रिगेड समय पर नहीं पहुँच पाई।

​प्रयास: किसान ने खुद नगर निगम जाकर देखा, जहाँ केवल एक कर्मचारी मौजूद था। उन्होंने महापौर, पूर्व विधायक और नगर निगम आयुक्त से भी संपर्क किया।

🌾 अनुमानित नुकसान

​गन्ना पककर तैयार था।

​शुगर फैक्ट्री के सुपरवाइजर ने फसल की गुणवत्ता अच्छी बताते हुए प्रति एकड़ 70 टन उत्पादन का अनुमान लगाया था।

​आग लगने से किसान की पूरी मेहनत और अनुमानित आय बर्बाद हो गई।

​किसान के आरोपों से यह स्पष्ट होता है कि फायर ब्रिगेड की देरी एक गंभीर चिंता का विषय है, खासकर त्यौहारों के दौरान आपातकालीन सेवाओं की तैयारी को लेकर।

फसल की स्थिति और नुकसान

मनीष नरेंद्र ने बताया कि गन्ना पूरी तरह से पककर तैयार था और अगले 10 से 15 दिनों में कटाई की जाने थी। उन्होंने एक मशीन वाले से बात कर ली थी और शुगर फैक्ट्री के सुपरवाइजर ने फसल की गुणवत्ता को देखते हुए प्रति एकड़ 70 टन उत्पादन का अनुमान लगाया था। लेकिन आग लगने से उनकी मेहनत और संभावित आय बर्बाद हो गई।

नगर निगम की लापरवाही पर सवाल

किसान ने यह भी बताया कि नगर निगम में केवल एक ही ड्राइवर मौजूद था, जिसके कारण फायर ब्रिगेड के पहुंचने में देरी हुई। यह स्थिति न केवल मनीष नरेंद्र के लिए, बल्कि अन्य किसानों के लिए भी चिंता का विषय है। इसी तरह की एक और घटना कलेक्ट्रेट रोड पर बीज निगम के खेत में भी हुई, हालांकि वहां नुकसान उतना बड़ा नहीं था। क्षेत्र में आग की घटनाओं में वृद्धि इस घटना ने स्थानीय किसानों के बीच चिंता पैदा कर दी है, क्योंकि आग लगने की घटनाओं में वृद्धि हो रही है। किसानों ने प्रशासन और नगर निगम से अपील की है कि वे इस दिशा में उचित कदम उठाएं ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न हों। किसानों का कहना है कि यदि समय पर कार्रवाई की जाती, तो उनकी फसल बचाई जा सकती थी।

निष्कर्ष

बुरहानपुर में हुई इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि प्रशासनिक लापरवाही और अति-आवश्यक सेवाओं की कमी का सीधा असर किसानों की मेहनत पर पड़ता है। किसान मनीष नरेंद्र पटेल की कहानी एक चेतावनी है कि जब तक प्रशासन आवश्यक कदम नहीं उठाता, तब तक ऐसे दुखदायी हादसे भविष्य में भी होते रहेंगे।

किसानो की इस समस्या को सुलझाने के लिए आवश्यक है कि प्रशासन फायर ब्रिगेड की संसाधनों को मजबूत करे और किसानों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करे।

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