खंडवा जिले के पंधाना तहसील के ग्राम दीवाल से आई यह खबर वास्तव में हृदय विदारक है और किसानों की दयनीय स्थिति को दर्शाती है।
प्रदेश पत्रिका: खंडवा जिले के पंधाना तहसील के ग्राम दीवाल से आई यह खबर वास्तव में हृदय विदारक है और किसानों की दयनीय स्थिति को दर्शाती है।
यह केवल एक व्यक्ति की क्षति नहीं है, बल्कि यह उस प्रणालीगत संकट की ओर इशारा करता है जिससे हमारे किसान लगातार जूझ रहे हैं—चाहे वह अतिवृष्टि हो, फसल का नुकसान हो, बाज़ार की अनिश्चितता हो, या राहत योजनाओं का सही ढंग से लागू न होना।
"जिस मिट्टी को अपने पसीने से सींचकर वह जीवन देता रहा, आज वही मिट्टी उसकी चिता बन गई।"
यह पंक्ति किसानों के जीवन के संघर्ष और बलिदान का मार्मिक चित्रण करती है।
इस दुःख की घड़ी में, हम ईश्वर से दिवंगत धरती पुत्र की आत्मा की शांति और उनके शोक संतप्त परिवार को इस असहनीय पीड़ा को सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करते हैं।
शत शत नमन और श्रद्धांजलि।
यह घटना इस बात पर विचार करने के लिए विवश करती है कि किसानों के लिए स्थायी और प्रभावी समाधान कैसे सुनिश्चित किए जा सकते हैं, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोका जा सके।
किसानों और खाद/मंडी से जुड़ी समस्याएँ
दीवाल गांव पंधाना तहसील में आता है, और इस क्षेत्र से किसानों की दयनीय स्थिति को दर्शाने वाली अन्य खबरें भी सामने आती रही हैं:
खाद की कमी: किसानों को सोसाइटियों में लंबी-लंबी लाइनों में लगने के बावजूद समय पर खाद (यूरिया) नहीं मिल पा रहा है, जिससे उन्हें खेती में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
मंडी में हंगामा: किसानों को उनकी उपज का सही भुगतान नहीं मिलने और वजन में गड़बड़ी की शिकायतों को लेकर पंधाना मंडी में भी हंगामा हुआ था, जो किसानों की आर्थिक समस्याओं को दर्शाता है।
साइबर धोखाधड़ी: पीएम किसान सम्मान निधि योजना के नाम पर किसानों के खातों से पैसे निकाले जाने की भी खबरें सामने आई हैं, जिससे किसान ठगी का शिकार हो रहे हैं।
Comments
Post a Comment