वेतन न मिलने से सफाईकर्मी कर्ज पर जीने को मजबूरः रांझी में कचरा फैलाकर प्रदर्शन, सफाई व्यवस्था चरमराई
प्रदेश पत्रिका : दिनांक 08/10/2025 को वेतन ना मिलने पर सफाई कर्मचारीयों का आक्रोश एवं सड़कों पर विरोध प्रदर्शन
जबलपुर के रांझी में नगर निगम के ठेका सफाईकर्मियों ने वेतन न मिलने के विरोध में सड़कों पर कचरा फैलाकर प्रदर्शन किया, जिससे सफाई व्यवस्था चरमरा गई। वेतन न मिलने से कर्मचारी कर्ज में डूबे हैं और राशन व बच्चों की स्कूल फीस भरने में असमर्थ हैं। प्रदर्शन के बाद, नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और एक सप्ताह के भीतर वेतन देने का आश्वासन दिया।
विरोध प्रदर्शन का कारण:
सफाईकर्मी पिछले कई महीनों से वेतन न मिलने के कारण आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं।
वे कर्ज पर जीने को मजबूर हैं और परिवार का खर्च चलाने में परेशानी हो रही है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया:
नगर निगम की स्वास्थ्य अधिकारी अंकिता बर्मन मौके पर पहुंचीं और एक सप्ताह के भीतर वेतन भुगतान का आश्वासन दिया।
कांग्रेस नेताओं ने भी कर्मचारियों का समर्थन किया और निगम प्रशासन को घेरा।
सफाई व्यवस्था पर असर:
वेतन न मिलने के कारण सफाईकर्मियों ने अपना काम बंद कर दिया है।
इसके परिणामस्वरूप सड़कों पर कचरा जमा होने लगा है और सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है।
जबलपुर मे तीन महीने से सफाई कर्मचारियों को वेतन न मिलने से नाराज कर्मियों ने बुधवार को रांझी क्षेत्र में जमकर विरोध प्रदर्शन किया। दर्शन सिंह तिराहा और मस्ताना चौक पर कर्मचारियों ने सड़कों पर कचरा फैलाकर नगर निगम प्रशासन के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया। जहां एक ओर कर्मचारी सड़क पर कचरा फेंक रहे थे, वहीं दूसरी ओर 'रघुपति राघव राजाराम' भजन गाकर प्रशासन की 'साफ छवि' पर सवाल उठा रहे थे।
कर्मचारी कर्ज पर स्कूल फीस, किराया और दवाइयों ले रहे
प्रदर्शनकारी ने बताया कि वे दिन-रात शहर की सफाई करते हैं लेकिन उन्हें तीन महीने से उनका वेतन नहीं मिला है। सफाईकर्मी जागृति ने बताया कि स्कूल फीस, किराया और दवाइयों के लिए उन्हें कर्ज लेना पड़ रहा है। पिछले विरोध के बाद केवल एक माह का वेतन दिया गया, जबकि तीन माह का भुगतान अब भी बाकी है। कर्मचारियों ने नगर निगम अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि अधिक लेबर दिखाकर बिलिंग की जाती है, जबकि काम कम कर्मचारियों से करवाया जाता है। विरोध करने पर नौकरी से निकालने की धमकी दी जाती है।
एक सप्ताह मे भुगतान का आश्वासन
लगभग 3000 सफाई कर्मियों को तीन महीने में केवल एक माह का वेतन मिला है। प्रदर्शन की खबर मिलते ही नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी अंकिता बर्मन मौके पर पहुंचीं और कर्मचारियों को एक सप्ताह के भीतर वेतन भुगतान का आश्वासन दिया।
इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने भी कर्मचारियों के बीच पहुंचकर उनकी मांगों को जायज बताया और निगम प्रशासन को घेरा। नेताओं ने कहा कि शहर को चमकाने वाले कर्मचारियों को जब उनका हक नहीं मिलेगा तो ऐसी स्थिति बनना स्वाभाविक है।
समय पर वेतन नहीं मिला तो आंदोलन बड़ा होगा
कर्मचारी मौखिक भरोसे पर हड़ताल खत्म करने को तैयार नहीं थे। उनका कहना था कि जब तक उन्हें लिखित गारंटी नहीं मिलेगी, वे काम पर नहीं लौटेंगे। लंबे समय तक चली बातचीत के बाद आखिरकार कर्मचारियों ने अस्थायी रूप से हड़ताल समाप्त करने की घोषणा की, लेकिन चेतावनी दी कि यदि समय पर वेतन नहीं मिला तो अगली बार आंदोलन और बड़ा होगा।
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