बुरहानपुर जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बाल विवाह रोकथाम हेतु सक्रिय रूप से अभियान चलाया जा रहा है।
बुरहानपुर जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बाल विवाह रोकथाम हेतु सक्रिय रूप से अभियान चलाया जा रहा है।
कलेक्टर श्री सिंह के निर्देशानुसार जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बाल विवाह रोकथाम हेतु अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में ग्रामीणों को नुक्कड़ नाटक के माध्यम से बाल विवाह रोकथाम के प्रति जागरूक किया गया।
बुरहानपुर जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बाल विवाह रोकने के लिए सक्रिय रूप से अभियान चलाया जा रहा है,
जिसमें देवउठनी ग्यारस के अवसर पर विशेष अभियान शामिल है।
इस अभियान के तहत, जिले में उड़न दस्ता दलों का गठन किया गया है और आंगनवाडी केंद्रों पर रैली, समूह चर्चा और शपथ जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से जन-जागरूकता फैलाई जा रही है।
अभियान के तहत की गई कार्रवाइयां:
उड़न दस्ते: कलेक्टर के निर्देशानुसार, बाल विवाह को रोकने के लिए जिला और परियोजना स्तर पर उड़न दस्ते बनाए गए हैं, जो सूचना मिलने पर तुरंत कार्रवाई करते हैं।
जन-जागरूकता: ग्राम स्तर पर आंगनवाडी केंद्रों पर लोगों को रैली, समूह चर्चा और शपथ जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से बाल विवाह के दुष्परिणामों और कानूनी कार्रवाई के बारे में जागरूक किया जा रहा है।
कानूनी प्रावधान: नागरिकों को यह जानकारी दी जा रही है कि बाल विवाह एक कानूनी अपराध है और इसके लिए 2 वर्ष तक के कारावास और ₹1 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान है।
कंट्रोल रूम: वन स्टॉप सेंटर और सभी परियोजना कार्यालयों में कंट्रोल रूम को सक्रिय किया गया है ताकि किसी भी प्रकार की सूचना पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।
नागरिकों से अपील: जिला प्रशासन ने नागरिकों से भी बाल विवाह की सूचना देने की अपील की है।
बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006: इस अभियान में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 के तहत की गई कानूनी कार्रवाई की जानकारी भी दी जा रही है, जिसके अनुसार वधू के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष और वर के लिए 21 वर्ष निर्धारित है।


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