Indore-Khandwa Railway Line: इंदौर-खंडवा रेल लाइन घाट सेक्शन से गुजरेगी, जो वन क्षेत्र है। 2 हजार के आसपास बाधक पेड़ों को हटाना है।
Indore-Khandwa Railway Line: इंदौर-खंडवा ब्रॉडगेज प्रोजेक्ट के टेंडर होने के बाद भी काम शुरू नहीं हो सकेगा। रेलवे को काम शुरू करने की वन विभाग ने प्राथमिक अनुमति तो दे दी, लेकिन पहले वन क्षेत्र के पेड़ों की गिनती करने में लंबे समय तक काम अटका रहा। अब पेड़ लगाने के लिए वन भूमि ढूंढने में वक्त लग रहा है।
हटाने होंगे पेड़
मालूम हो, इंदौर-खंडवा रेल लाइन घाट सेक्शन से गुजरेगी, जो वन क्षेत्र है। 2 हजार के आसपास बाधक पेड़ों को हटाना है। रेलवे के प्रपोजल पर वन विभाग ने शुरुआती अनुमति दे दी थी, लेकिन कई औपचारिकताएं बाकी हैं। इनके पूरा होने के बाद ही काम शुरू होगा। प्रोजेक्ट के लिए 454 हेक्टेयर वन भूमि प्रभावित हो रही है।
यहां जितने पेड़ काटे जाएंगे, उससे दस गुना लगाने होंगे। इसके लिए वन विभाग को भूमि उपलब्ध करवानी होगी। विभाग को इंदौर वन मंडल में पर्याप्त भूमि नहीं मिल पा रही है। निर्धारित संख्या में पेड़ लगाने के लिए करीब 338 हेक्टेयर वन भूमि की अतिरिक्त जरूरत है। इतनी भूमि तलाशने में समय लगेगा।
468 करोड़ के हो चुके टेंडर
रतलाम-महू-खंडवा-अ कोला ब्रॉडगेज प्रोजेक्ट को बजट में 910 करोड़ रुपए मिले हैं। 2008 में इसे विशेष दर्जा मिला था। इसकी लागत करीब 2 हजार करोड़ है। रेलवे ने पातालपानी से बलवाड़ा तक डायवर्टेड रेल लाइन के 468.65 करोड़ के टेंडर जारी कर दिए हैं। इसमें दो बड़ी सुरंगें भी शामिल हैं।
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