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एमपी में आज तक की सबसे बड़ी कार्रवाई, 107 अफसरों-कर्मचारियों पर केस दर्ज, फैली सनसनी

 


MP लोकायुक्त द्वारा की गई जांच में आगर मालवा जिले के जिला कोषालय से 2016 से 2024 के बीच कुंडालिया बांध के लिए दिए गए मुआवजे की पूरी जानकारी हासिल की गई है। जांच में कई चौंकने वाले खुलासे हुए। इसमें कई अफसरों व कर्मचारियों पर बड़ी कार्रवाई की गई है। जिसके बाद सभी में हडक़ंप मचा हुआ है। इस बड़ी कार्रवाई के दौरान 107 कर्मचारियों व अधिकारियों पर केस दर्ज किया गया है। 4600 करोड़ की लागत से बने कुंडालिया बांध के पुनर्वास घोटाला में लोकायुक्त जांच के दायरे में 3 कलेक्टर, 4 डिप्टी कलेक्टर और 3 तहसीलदार समेत अनेक पटवारी, जल संसाधन विभाग के अधिकारी और इंजीनियर्स शामिल हैं। इनमें से कई रिटायर हो चुके हैं।

मुआवजे में किए घोटाले पर हुई कार्रवाई–

एमपी में अधिकारियों कर्मचारियों पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की गई है। यहां के 107 अफसरोंए कर्मचारियों पर केस दर्ज किया गया है। कुंडालिया पुनर्वास घोटाला में यह केस दर्ज हुआ है। आगर मालवा और राजगढ़ जिले की सीमा पर बने कुंडालिया बांध के भू-अर्जन और अन्य मुआवजा प्रकरणों में घोटाला किया गया था। 2016 से लोकायुक्त मामले की जांच कर रही है। अब लोकायुक्त पुलिस ने कुल 107 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। जांच के बाद लोकायुक्त ने कुंडालिया बांध परियोजना के अंतर्गत पुनर्वास योजना में 107 अधिकारियों, कर्मचारियों, इंजीनियरों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। संबंधित अधिकारियों और इंजीनियर के अलावा घोटाले में शामिल कई प्राइवेट लोगों को भी आरोपी बनाया गया है। लोकायुक्त पुलिस ने करीब 6 करोड रुपए का घोटाला उजागर किया है।

पुलिस अधीक्षक ने करवाया अवगत

लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन की विशेष पुलिस स्थापना के पुलिस अधीक्षक ने आगर मालवा को कलेक्टर को केस से अवगत कराया। कुंडालिया बांध के प्रभावितों से संबंधित विशेष पैकेज अंतर्गत अधिकारियों, इंजीनियरों, कर्मचारियों द्वारा अपने पद का दुरुपयोग कर आपसी षड्यंत्र कर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाया जाने पर कुल 107 के विरूद्ध केस दर्ज किया गया। सभी आरोपियों पर अपराध क्रमांक 45, 2025 धारा.7, 13.1, 13.2 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 संशोधन 2018 और 409, 420, 467, 468, 471, 120 भादंवि के अंतर्गत मामला पंजीबद्ध किया गया है।

अधिकारी व इंजीनियर भी शामिल

उज्जैन संभाग लोकायुक्त संगठन विशेष पुलिस स्थापना मामले की विवेचना में लगा है। इस घोटाले में 9 अधिकारी और इंजीनियर शामिल हैं। केस दर्ज होने के बाद सभी अधिकारियों, कर्मचारियों को निलंबित किया जाएगा। इसके लिए लोकायुक्त पुलिस ने सभी संबंधित विभागीय अधिकारियों को भी सूचित कर दिया है।



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