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इंदौर के 56 दूकान पर स्वच्छता की अनदेखी पड़ी महंगी, 38 दुकानों पर निगम ने ठोका डेढ़ लाख का चालान

 कभी स्वच्छता का प्रतीक रही 56 दुकान अब गंदगी और अतिक्रमण से जूझ रही है। स्थिति सुधारने के लिए मोबाइल कोर्ट ने कार्रवाई कर 38 दुकानदारों पर चालान जारी किए और डेढ़ लाख रुपये से अधिक की वसूली की।

56 दुकान को कभी स्वच्छता का प्रतीक माना जाता था, लेकिन समय के साथ यहां अव्यवस्थाएं बढ़ती गईं। अब यह इलाका गंदगी और कचरे से घिरा नजर आता है। साथ ही, कुछ दुकानदार बिना लाइसेंस के व्यवसाय संचालित कर रहे थे। इस स्थिति को सुधारने के लिए मोबाइल कोर्ट ने 56 दुकान और आसपास के बाजारों में कार्रवाई की। इस दौरान, दुकानों के बाहर किए गए अतिक्रमण हटाए गए और सफाई नियमों के उल्लंघन पर 38 दुकानदारों के खिलाफ चालान जारी किए गए। कुल मिलाकर डेढ़ लाख रुपये से अधिक की राशि जुर्माने के रूप में वसूली गई।

स्वच्छता नियमों की अनदेखी पर निगम की बड़ी कार्रवाई

निगम अधिकारियों के अनुसार, कार्रवाई के दौरान 38 से अधिक दुकानदारों पर चालान जारी किए गए, जिससे कुल 1 लाख 58 हजार रुपये की वसूली की गई। इस अभियान के तहत दुकानों के बाहर किए गए अतिक्रमण हटाए गए और सफाई को लेकर कड़े कदम उठाए गए। निगम का लक्ष्य 56 दुकान और आसपास के बाजारों को स्वच्छ और व्यवस्थित बनाना है, ताकि स्थानीय लोग और व्यापारी बेहतर माहौल में काम कर सकें।


अतिक्रमण और गंदगी पर निगम का शिकंजा

मोबाइल कोर्ट की कार्रवाई के दौरान कई दुकानों के बाहर सामान फैला हुआ था, जिससे रास्तों पर अतिक्रमण की स्थिति बन गई थी। इसे देखते हुए निगमकर्मियों ने सख्त रुख अपनाया और दुकानदारों पर कार्रवाई की। हालांकि, इस दौरान कुछ स्थानों पर तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई, जहां दुकानदारों और निगमकर्मियों के बीच बहस और विवाद हुए। बावजूद इसके, प्रशासन ने कार्रवाई जारी रखी ताकि अव्यवस्था को नियंत्रित किया जा सके।

मोबाइल कोर्ट की कड़ी कार्रवाई

मोबाइल कोर्ट की कार्रवाइयां हाल ही में दोबारा शुरू की गई हैं। विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट मुकेश गुप्ता के निर्देश पर मोबाइल कोर्ट और निगम की टीम ने 56 दुकान और आसपास के बाजारों में निरीक्षण किया। कार्रवाई के दौरान कई दुकानदार बिना लाइसेंस के कारोबार करते पाए गए, जबकि कुछ स्थानों पर अतिक्रमण कर सड़कों तक सामान फैलाया गया था। इसके मद्देनजर निगम अधिकारियों ने 38 दुकानदारों पर चालान जारी कर 1 लाख 58 हजार रुपये की वसूली की। यह अभियान 56 दुकान के साथ अन्य बाजारों में भी जारी रहा।



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