इंदौर-दाहोद नई रेल लाइन परियोजना पर तेजी से काम हो रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत इंदौर-टीही सेक्शन का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। रेलवे ने इंदौर से धार के बीच ट्रेन संचालन के लिए मई-जून 2025 की समय सीमा तय की है।
पीथमपुर क्षेत्र के ग्राम टीही में 2.9 किमी लंबी रेल सुरंग (टनल) का निर्माण तेज गति से जारी है। रेलवे के अनुसार, इस टनल का 90% कार्य पूरा हो चुका है, जबकि शेष 10% फिनिशिंग और ट्रैक बिछाने का कार्य अगले दो महीनों में पूरा कर लिया जाएगा। यह इंदौर से जुड़े किसी भी प्रोजेक्ट की पहली रेल सुरंग है, जिसका निर्माण अंतिम चरण में है।
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इंदौर-दाहोद नई रेल लाइन परियोजना पर तेजी से काम हो रहा है। |
इंदौर की पहली बैलेस्टलैस ट्रैक टनल
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बैलेस्टलैस ट्रैक (गिट्टी रहित ट्रैक) बिछाया जा रहा है, जो इस क्षेत्र में पहली बार किया जा रहा है। |
प्रोजेक्ट की शुरुआत और बाधाएं
टीही-धार सेक्शन मई तक तैयार होने की उम्मीद
टनल के ऊपर बसा है पीथमपुर शहर
टनल निर्माण का कार्य ABCI कंपनी द्वारा किया जा रहा है। कंपनी के इंजीनियर अजहर ने बताया कि इस 3 किमी लंबी सुरंग की खुदाई दोनों छोर से की गई। खुदाई के लिए पहले 7.5 मीटर तक अतिक्रमण हटाया गया, क्योंकि यह भूमि रेलवे की थी। सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि ब्लास्टिंग के दौरान ऊपर बसे पीथमपुर शहर के मकानों को कोई नुकसान न पहुंचे।
इस समस्या से बचने के लिए नियंत्रित ब्लास्टिंग (कंट्रोल ब्लास्टिंग) तकनीक का उपयोग किया गया। अच्छी बात यह रही कि खुदाई के दौरान पूरी संरचना पथरीली मिली, जिससे कार्य सुगमता से पूरा हो सका।
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टनल निर्माण का कार्य ABCI कंपनी द्वारा किया जा रहा है। |
इंदौर-मुंबई की दूरी होगी कम
इस परियोजना के पूरा होने के बाद इंदौर से मुंबई की रेलवे दूरी 829 किमी से घटकर 774 किमी रह जाएगी, यानी 55 किमी कम हो जाएगी। वर्तमान में, इंदौर से मुंबई जाने वाली ट्रेनें रतलाम होते हुए दाहोद के रास्ते गुजरती हैं, लेकिन नया ट्रैक बनने के बाद ट्रेनें पीथमपुर और धार के रास्ते मुंबई तक पहुंचेंगी।
इससे माल गाड़ियों की आवाजाही भी आसान होगी और पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र को बड़ा लाभ मिलेगा। टनल बनने से माल परिवहन की लागत और समय दोनों में कमी आएगी।
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इंदौर से मुंबई की रेलवे दूरी 829 किमी से घटकर 774 किमी रह जाएगी, यानी 55 किमी कम हो जाएगी। |
इंदौर-टीही रेल प्रोजेक्ट: प्रमुख तथ्य
- 2008: परियोजना स्वीकृत
- 1680 करोड़: अनुमानित लागत
- 200.97 किमी: कुल रेल मार्ग लंबाई
- 2017-18: टनल निर्माण कार्य प्रारंभ
- 2020: कोविड के कारण कार्य रोक दिया गया
- 2023 (जून): टनल निर्माण पुनः प्रारंभ
- 3 जून 2023: ब्लास्टिंग कार्य शुरू
- 1121 मीटर: एक वर्ष में खुदाई पूरी
- 200 मजदूर: 24 घंटे, दो पारियों में कार्यरत
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