शनिवार को अचानक मौसम में परिवर्तन हुआ। तेज आंधी, बारिश के साथ मुरैना के अंबाह क्षेत्र में ओलावृष्टि ने तबाही मचा दी। सुबह जब किसान अपने खेत पहुंचे तो बर्बाद फसल को देख सदमे में आ गए।
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Heavy storm, rain and hailstorm wreaked havoc in MP |
प्रदेश पत्रिका:- शनिवार को अचानक मौसम में परिवर्तन हुआ। तेज आंधी, बारिश के साथ मुरैना के अंबाह क्षेत्र में ओलावृष्टि ने तबाही मचा दी। अंबाह शहर समेत आसपास के पचास से अधिक गांवों में मौसम खराब होने से किसानों के खेतों में लगी गेहूं की फसल खेत में बिछ गई। सुबह जब किसान अपने खेत पहुंचे तो बर्बाद फसल को देख सदमे में आ गए।
गेहूं, सरसों के अलावा सब्जी जैसे टमाटर, मैथी, धनियां में भी ज्यादा नुकसान हुआ है। वहीं तेज हवा के चलने के कारण गेहूं की फसल आड़ी पड़ गई। वहीं खेतों में काटकर सुखाने के लिए रखी सरसों की फसल गीली होने से खराब हो गई। बारिश(Rain Alert) के आने से इनके भाव आए गुणवत्ता में भी गिरावट आएगी। रछेड़ के किसान प्रद्युमन तोमर ने बताया है कि एक दिन पहले तक उनकी फसल खेत में लहलहा रही थी। गुरुवार रात मौसम की बेरुखी से हुई ओलावृष्टि(hailstorm) से खेतों में बिछ गई है। फसल में आई गेहूं की बालियां भी ओले की मार से टूट कर खेतों में ही बिखर गई है।
जयश्वर मेला का पंडाल भी उखड़ा
जयश्वर महादेव मेले में आंधी व ओलावृष्टि से पंडाल उखड़ गए। तेज हवा से जयेश्वर महादेव मेले में लगी दुकानों के पंडाल उडऩे लगे। दुकानदारों के सिर पर पाइप गिरने से चोटें आईं। फुटपाथी दुकानदारों का सामान उड़ गया। आंधी से से मधुपुरी कॉलोनी में एक मकान की बॉलकनी की दीवार गिर गई।
घायलों का मोबाइल की रोशनी में करना पड़ा इलाज
आंधी के चलते एक दर्जन से अधिक लोग घायल हुए। 8 को अंबाह से जिला अस्पताल रैफर किया गया। चार से पांच लोगों का उपचार स्थानीय स्तर पर किया जा रहा है। बिजली गुल होने से डॉक्टर्स को मोबाइल फोन की रोशनी में उपचार करना पड़ा।
खेती की लागत निकालना मुश्किल
अब फसल बर्बाद होने के बाद महंगाई के चलते उनके लिए खेती का लागत निकालना भी मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने मांग की कि प्रभावित इलाके का सर्वे कराकर सरकार और जिला प्रशासन पीड़ित किसानों को तत्काल मुआवजा देने की पहल करे।
जिन क्षेत्रों में गेहूं की फसल पकने की अवस्था में पहुंच गई है वहां पर यदि बारिश हुई है तो दाने की चमक प्रभावित हो जाएगी। उन्होंने बताया कि गेहूं की फसल तेज हवा और बारिश से खेतों में बिछ गई है तो उसमें दाना भरने की प्रक्रिया प्रभावित होती है।
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