Burhanpur :- हालिया रिलीज फिल्म छावा में बुरहानपुर का जिक्र है. वहीं इन दिनों मुगलकालीन खजाने को लेकर इस इलाके में अफवाह भी है. कुछ लोगों को धातुओं के सिक्के मिलने के बाद कई गांव के लोग असीरगढ़ में रात भर साेने-चांदी के सिक्के खोज रहे हैं.
"अब इस खेत पर आसापस के आधा दर्जन से अधिक गांव के लोग रोजाना इस खेत में रात के समय आ रहे हैं और सिक्के मिलने की आस में खुदाई कर रहे है. साथ में अपने मेटल डिटेक्टर यंत्र भी ला रहे हैं. स्थानीय नागरिकों को दावा है लोगों को खुदाई में सिक्के भी मिल रहे हैं"
इतिहासकारों की माने तो बुरहानपुर मुगलकाल में काफी समृद्ध था. शालिकराम चौधरी कहते हैं कि यहां सिक्के बनाने की टकसाल भी थी, लोग अपना खजाना जमीन में दबा देते थे, लिहाजा इससे इंकार नहीं किया जा सकता कि जमीन के नीचे से धन मिल रहा है. इतिहासकारों का कहना है कि जिला प्रशासन को इस दिशा में गंभीरता से लेना चाहिए और जिन्होंने मुगलकालीन सिक्के हासिल किए है उसकी जांच करने के बाद, उसे जब्त सरकार खजाने में जमा करना चाहिए.
कांग्रेस ने सतर्क किया
विपक्षी दल कांग्रेस के नेता अजय सिंह रघुवंशी का भी कहना है सिक्के मिलने की अफवाह पर रात के समय इतनी बड़ी संख्या में लोगों का जमा होना चिंताजनक है. जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को इस पर रोक लगानी चाहिए और अगर वाकई में किसी को मुगलकालीन सिक्के मिले हो तो इसकी जांच कर सिक्के अपने कब्जे में लेना चाहिए.
![]() |
अजय सिंह रघुवंशी |
पुलिस का क्या कहना है?
मामले की जानकारी मीडिया ने जिले के पुलिस कप्तान देवेंद्र पाटीदार को बताई तो उन्होंने कहा कि मामले की जानकारी ले रहे हैं. अगर किसी खेत में लोग इस तरह एक साथ इस तरह की गतिविधी कर रहे है तो इस पर प्रतिबंध लगाया जाएगा.
Comments
Post a Comment