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रीवा में सड़क की लूट, लड़कों की डिमांड सुन कलेक्टर के फूले हाथ-पैर

 रीवा के गाड़ा गांव के युवाओं की सड़क की मांग को लेकर भोपाल तक पैदल यात्रा. मोहन यादव से करेंगे हेलीकॉप्टर की मांग.

रीवा में सड़क के लिए युवकों की पैदल यात्रा


प्रदेश पत्रिका रीवा देश की आजादी के 76 वर्ष बीत जाने के बाद आज भी कई ऐसे ग्रामीण इलाके हैं जहां पर अबतक सड़क और पुल का निर्माण नहीं हो पाया है. जिसके चलते सड़क और पुल विहीन गांवों में रहने वाले ग्रामीणों का हाल बेहाल है. ऐसा ही एक मामला सामने आया है रीवा जिले के जवा तहसील स्थित गाड़ा गाव से. यहां पर रहने वाले युवक आज हाथों में तख्ती लेकर कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे. उनका कहना था की कई वर्ष बीत जाने के बाद भी गांव को अबतक मुख्य सड़क और पुल नसीब नहीं हो सका, जिसके चलते तीन गांवों के 5 हजार ग्रामीण प्रभावित हैं.

युवकों ने की हेलीकॉप्टर की डिमांड

कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे युवकों ने गांव में सड़क और पुल को बनाए जाने के साथ ही अनोखी डिमांड भी की है. उनका कहना था की जबतक सड़क और पुल का निर्माण नहीं होता, तबतक के लिए ग्रामीणों को हेलीकॉप्टर की सुविधा दी जाए. युवकों ने बताया कि, ''वह गांव से पैदल यात्रा करके रीवा पहुंचे हैं, इसके बाद वह पैदल ही भोपाल के लिए कूच करेंगे. जहां मुख्यमंत्री के निवास जाकर उनसे गाड़ा गांव के लिए सड़क और पुल की डिमांड करेंगे. अगर उन्होंने हमारी मांगे नहीं मानी तो हम वहीं पर आत्महत्या कर लेंगे.''

कागजों में बना 200 मीटर की पुल और 2000 मीटर की सड़क

गांव में सड़क और पुल के निर्माण की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे युवकों ने आरोप लगाते हुए कहा कि, ''वह जवा तहसील के ग्राम पंचायत गाड़ा गांव के निवासी हैं. आजादी के 76 वर्ष बीत जाने के बाद भी उनके गांव में मुख्य सड़क और पुल नहीं बन पाया है. गांव की 2000 मीटर की सड़क और 200 मीटर लम्बाई के पुल की दो बार मंजूरी भी मिल चुकी है. एक बार तो वर्ष 2016 में मंजूरी मिली थी, जिसके बाद सड़क और पुल रिकॉर्ड में बनकर तैयार हो चुके हैं.''

युवकों ने की हेलिकॉप्टर की डिमांड

2022 में दोबारा मिली स्वीकृति, पैसे भी निकले पर नहीं बनी सड़क

22 दिसंबर 2022 में एक बार फिर उसी सड़क का 2 करोड़ 51 लाख 15 हजार रुपए से टेंडर हो चुका है, जिसमें ठेकदार और एसडीओ ने मिलकर केवल मिट्टी ही डाली है. लेकिन अबतक वहां पर पुल और सड़क का निर्माण नहीं हो पाया. युवक धनेश सोनकर ने कहा कि, ''गांव में अबतक सड़क और पुल का निर्माण केवल कागजों तक ही सीमित है. मगर उसके निर्माण की राशि आहरण कर ली गई. कई बार आरटीआई की माध्यम से जानकरी मांगी, राज्य सूचना आयोग में शिकायत भी की, लेकिन आजतक कोई जवाब नहीं मिला. पीडब्लूडी में पदस्थ अधिकारी भी कोई जवाब देने की लिए तैयार नहीं हैं.''

सड़क और पुल न होने से परेशान ग्रामीण

पैदल जाएंगे CM हाउस, मांगे पूरी नहीं हुई तो करेंगे आत्महत्या


युवक ने कहा कि, ''आज हमलोग अपने गाड़ा गांव से पैदल चलकर रीवा कलक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे हैं और कलेक्टर को अपनी समस्या के बारे में बताया. इसके बाद पैदल यात्रा करके वह भोपाल मुख्यमंत्री के निवास जाएंगे. सीएम से गांव के लिए सड़क और पुल के निर्माण की डिमांड करेंगे और अगर उन्होंने हमारी मांग नहीं मानी तो हम आत्महत्या कर लेंगे.'' बताया गया की गाड़ा गांव की आबादी तकरीबन 1 हजार है इसके अलावा अन्य दो गांव भी हैं, जिसे मिलाकर तकरीबन 5 हजार ग्रामीण गांव में सड़क और पुल न होने से प्रभावित है उनकी जान को खतरा है.

युवको का आरोप, नक़्शे मे दिख रही सड़क और पुल

कहा जा रहा है की नाला होने के कारण उसमें साल के 12 महीने पानी भरा रहता है. युवकों ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है की जबतक गांव में सड़क और पुल नहीं बन जाती तबतक के लिए उन्हें हेलीकॉप्टर की सुविधा दी जाए. ताकि ग्रामीण उसका इस्तेमाल कर सकें. वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क परियोजना के तहत सड़क और पुल का निर्माण होना था. मुख्य प्रबंधक से जब इस बारे मे चर्चा की गई तो उनका कहना था की सड़क का निर्माण हो चुका है, तुम लोगों के द्वारा झूठी शिकायत की जाती है. बताया गया की नक्शा में सड़क और पुल दर्शाया गया है लेकिन निर्माण केवल कागजों में है. अगर हम गलत आरोप लगा रहे हैं तो हमारे खिलाफ कार्रवाई की जाए.''

परीक्षण के बाद होंगी जांच, प्रतिभा पाल कलेक्टर

मामले पर कलेक्टर प्रतिभा पाल का कहना है कि, ''गाड़ा गांव का मामला संज्ञान में आया है. हम लोगों के द्वारा परीक्षण करवाया जाएगा. यदि किसी भी मद से सड़क स्वीकृत है और अगर ऐसा है तो उसमें काम कराया जाएगा. या आगर कोई समस्या है तो उसका परीक्षण भी कराया जाएगा. अगर सड़क या पुल स्वीकृत हुई है तो बनी है या नहीं बनी है, उसके लंबित रहने का क्या कारण है, इसकी जांच कराई जाएगी.''



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