मध्यप्रदेश के ग्वालियर में 28 अप्रैल को संविधान बचाओ रैली का आयोजन होने जा रहा है। जिसमें कांग्रेस के बड़े नेता शामिल होंगे।
मध्यप्रदेश के महू में हुई संविधान बचाओ रैली की तर्ज पर कांग्रेस एक और बड़ी रैली का आयोजन ग्वालियर में करने जा रही है। जिसमें मध्यप्रदेश कांग्रेस के सभी नेता शामिल होंगे। इस संविधान बचाओ रैली में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे सहित कई बड़े नेताओं को बुलाया जाएगा।
दरअसल, प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कांग्रेस पॉलिटिक्ल अफेयर्स कमेटी और प्रदेश कार्यसमिति की बैठक रखी गई थी। जिसमें ग्वालियर में प्रदेश स्तरीय रैली तय की गई है।
कांग्रेस को अर्जुन सिंह जैसे नेता की जरूरत
मध्यप्रदेश के प्रभारी हरीश चौधरी ने बैठक में कहा कि सबको साथ मिलकर कांग्रेस को मजबूत करने में जुटना चाहिए। आज के समय में कांग्रेस को अर्जुन सिंह जैसे नेताओं की जरूरत है। अर्जुन सिंह सबको साथ लेकर चलते थे। उसी स्तर पर सभी नेताओं को काम करने की जरूरत है। सबको साथ लेकर चलना चाहिए।
कांग्रेस की इस बैठक में हरीश चौधरी, पीसीसी चीफ जीतू पटवारी, दिग्विजय सिंह, उमंग सिंघार सहित कई बड़े नेता शामिल रहे।
28 अप्रैल को होगी प्रदेश स्तरीय रैली
बैठक का प्रमुख फोकस आगामी संविधान बचाओ अभियान पर रहा। निर्णय लिया गया कि 25 से 30 अप्रैल के बीच पूरे देश में संविधान बचाव रैली आयोजित की जाएगी। इस कार्यक्रम के अंतर्गत मध्यप्रदेश में इस अभियान को 28 अप्रैल से ग्वालियर में एक भव्य रैली के साथ किया जाएगा।
3 मई से 10 मई तक जिला स्तरीय संविधान बचाओ रैलियां
प्रदेश के प्रत्येक जिले में समस्त DCC द्वारा PCC के समन्वय से रैलियाँ आयोजित की जाएंगी। इन रैलियों में मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियाँ – बढ़ती बेरोजगारी, महँगाई, कृषि संकट, ग्रामीण अर्थव्यवस्था की बदहाली आदि मुद्दों को उजागर किया जाएगा। युवाओं, किसानों, मजदूरों और दलित समुदायों की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी।
11 मई से 17 मई तक विधानसभा स्तरीय संविधान बचाओ रैलियां
हर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के विधायक, पूर्व जनप्रतिनिधि, पदाधिकारी और सामाजिक कार्यकर्ता जनजागरण करेंगे। ED, CBI, और केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग, संवैधानिक संस्थाओं की अवहेलना, महिलाओं, दलितों और आदिवासियों के अधिकारों पर हमलों को उजागर किया जाएगा।
20 मई से 30 मई तक घर-घर संपर्क अभियान
हर घर तक पहुंचने के लिए कार्यकर्ता द्वार-द्वार जाकर संवाद स्थापित करेंगे। विशेष रूप से महँगाई, बेरोजगारी, संविधानिक अधिकारों के हनन जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। अभियान साहित्य वितरित कर, सोशल मीडिया के माध्यम से भी संवाद को सशक्त किया जाएगा।
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