आईटी कॉन्क्लेव से पहले सीएम का हैदराबाद दौरा संभव:निवेशकों से करेंगे मुलाकात; इंदौर कॉन्क्लेव में चार नीतियां होंगी लॉन्च
एमपी सरकार के वरिष्ठ अधिकारी आईटी कॉन्क्लेव से पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के हैदराबाद रोड शो की तैयारियों में जुटे हैं। इस रोड शो के दौरान मुख्यमंत्री आईटी सेक्टर, मेडिकल डिवाइस, फार्मा सेक्टर और फूड प्रोसेसिंग से संबंधित उद्योगपतियों से मुलाकात करेंगे।
एमपीईडीसी के अधिकारियों के अनुसार, इंदौर में होने जा रहे इस आईटी कॉन्क्लेव के दौरान मुख्यमंत्री आईटी सेक्टर से संबंधित नई पॉलिसी की घोषणा करेंगे। यह नीति इंदौर सहित मध्य प्रदेश को देश और दुनिया की आईटी कंपनियों के लिए एक प्रमुख केंद्र बना देगी।
कॉन्क्लेव में राज्य सरकार की ‘ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स नीति’, ‘सेमी-कंडक्टर नीति’, ‘ड्रोन नीति’ और ‘एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स और एक्सटेंडेड रियलिटी (एवीजीसी-एक्सआर) नीति’ के क्रियान्वयन के लिए गाइडलाइन्स भी जारी की जाएंगी। सरकार का उद्देश्य है कि ये गाइडलाइन्स निवेशकों और सरकार के बीच एक पारदर्शी सेतु सिद्ध हों।
यह चार नीतियां होंगी लॉन्च
ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCC) नीति मध्य प्रदेश को डेटा एनालिसिस, साइबर सुरक्षा, अनुपालन, एआई रिसर्च और सप्लाई चेन जैसे क्षेत्रों में वैश्विक कंपनियों के लिए पसंदीदा गंतव्य बनाने हेतु निवेशकों को प्रोत्साहन दिया जाएगा। नीति के तहत लेवल-1 और एडवांस्ड जीसीसी के लिए पूंजी निवेश प्रोत्साहन, वेतन सब्सिडी, किराया प्रतिपूर्ति और ब्याज सहायता जैसे प्रावधान होंगे।
सेमी-कंडक्टर नीति फेबलेस कंपनियों और विनिर्माण इकाइयों दोनों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसमें डिज़ाइन प्रतिपूर्ति, आधारभूत संरचना सहायता, ईपीएफ प्रोत्साहन और चिप टेप-आउट अनुदान शामिल हैं। यह नीति विशेष रूप से भारत सरकार की डीएलआई योजना में सम्मिलित द्वितीय श्रेणी की कंपनियों को समान अवसर देने हेतु तैयार की गई है। बड़े प्रस्तावों की त्वरित स्वीकृति के लिए कैबिनेट समिति को अधिकृत किया गया है।
ड्रोन नीति ड्रोन निर्माण, पायलट प्रशिक्षण, सेवा वितरण और परीक्षण अवसंरचना को संस्थागत समर्थन प्रदान किया जाएगा। स्टार्ट-अप्स, निर्माताओं और ‘ड्रोन-एज़-ए-सर्विस’ प्रदाताओं को सीड फंडिंग, नियामकीय सहयोग और अन्य लाभ मिलेंगे।
एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स और एक्सटेंडेड रियलिटी (एवीजीसी-एक्सआर) नीति राज्य की आर्थिक नीति में शामिल इस नवाचार आधारित क्षेत्र को बौद्धिक संपदा सृजन, अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहुंच, प्रतिभा विकास और स्टूडियो अवसंरचना जैसे पहलुओं में समर्थन मिलेगा। उपकरण खरीद, को-वर्किंग स्पेस और छात्र इंटर्नशिप के लिए भी प्रोत्साहन मिलेगा।
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