प्रदेश पत्रिका:- बुरहानपुर विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) के सतत् प्रयासों के परिणाम स्वरूप बुरहानपुर विधानसभा की दो लघु सिंचाई परियोजनाओं ग्राम खामनी में अमरावती नदी पर निर्मित होने वाले खामनी बैराज कम-काजवे एवं ग्राम चिल्लारा में बनने वाले मोहना नदी पर चिल्लारा बैराज कम-काजवे योजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति मिली है। इसके निर्माण हेतु लगभग 16 करोड़ रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति हुई है। इसमें ग्राम खामनी बैराज कम-काजवे निर्माण हेतु 6 करोड़ 50 लाख रूपए तथा चिल्लारा बैराज कम-काजवे निर्माण के लिए 9 करोड़ 44 लाख रूपए की लागत से निर्माण होगा। जिससे क्षेत्र के किसानों में खुशी की लहर है। लघु सिंचाई परियोजनाओं की स्वीकृति मिलने पर श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि उक्त परियोजनाओं की स्वीकृति के लिए वर्षांे से प्रयासरत रही हूं। परियोजना की स्वीकृति हेतु श्रीमती चिटनिस ने मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव एवं जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।
श्रीमती चिटनिस ने कहा कि जल परियोजना की स्वीकृति हर खेत को पानी की दिशा में निरंतर बढ़ते कदम है। उन्होंने बताया कि उक्त 950 हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी तथा आसपास के क्षेत्र में भू-जल स्तर बढ़ेगा। जिससे किसानों की स्थिति मजबूत होगी। बैराज निर्माण हेतु जल्द ही निविदा जारी होकर निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाएगा।
श्रीमती चिटनिस ने बताया कि खामनी बैराज कम-काजवे एवं चिल्लारा बैराज कम-काजवे की प्रशासकीय स्वीकृति स्वीकृति प्राप्त हो गई है। ग्राम खामनी के पास अमरावती नदी पर खामनी बैराज कम-काजवे एवं मोहना नदी पर चिल्लारा बैराज कम-काजवे योजनाएं प्रस्तावित है। इन बैराजों का निर्माण होने से क्षेत्र के किसानों को सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी। जिससे क्षेत्र का विकास होना संभावित है। खामनी बैराज योजना की कुल लागत राशि 6 करोड़ 50 लाख रूपए है, इसके निर्माण से 390 हेक्टेयर सिंचाई सुविधा का लाभ मिलेगा। वहीं चिल्लारा बैराज योजना की कुल लागत 9 करोड़ 44 लाख रूपए है, इसके निर्माण से 560 हेेक्टेयर सिंचाई सुविधा का लाभ मिल सकेंगा। उक्त दोनों परियोजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति मिलने पर क्षेत्र के किसानों-ग्रामीणों ने हर्ष व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट सहित विधायक व पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।
उक्त परियोजनाओं के निर्माण से कृषि खेत्र में खुशहाली और कृषकों के लिए उक्त योजनाएं वरदान सिद्ध हो सकेंगी। योजनाओं के मूर्तरूप उपरांत क्षेत्र के कृषकों को योजनावार सिंचाई की सुविधा प्राप्त होगी तथा सिंचाई क्षमता में वृद्धि होगी।
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