दमोह जिला प्रशासन को 40 शिक्षकों के खिलाफ मिली थी शिकायतें, जिनमें 24 शिक्षकों के दस्तावेज सत्यापन में पाए गए फर्जी.
फर्जी डॉक्यूमेंट्स से पाई थी नौकरी, दमोह में 24 शिक्षक टर्मिनेट, 40 पर FIR - 24 TEACHERS SERVICES TERMINATED
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कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर |
दमोह: शिक्षा विभाग में किस तरह का फर्जीवाड़ा चल रहा है इसकी बानगी दमोह में देखने को मिल रही है. फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शिक्षा विभाग में नौकरी पाने वाले 40 शिक्षकों पर जिला प्रशासन ने एफआईआर करने के निर्देश दिए हैं. शिकायतों के बाद सत्यापन के दौरान इन कर्मचारियों के दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं.
दरअसल शिक्षा विभाग में कई वर्षों से जमें प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षकों विरुद्ध के कुछ गोपनीय शिकायतें जिला शिक्षा अधिकारी, संयुक्त संचालक लोक शिक्षण विभाग सागर तथा राज्य शासन को मिली थीं. इसके बाद प्राथमिक शिक्षकों के विरुद्ध जिला शिक्षा अधिकारी एवं माध्यमिक शिक्षकों के खिलाफ संयुक्त संचालक लोक शिक्षण सागर के द्वारा जांच की गई।
24 शिक्षकों के दस्तावेज सत्यापन के बाद फर्जी पाए गए थे
मामले में 40 शिक्षकों के खिलाफ शिकायतें प्राप्त हुई थीं. जिनमें 24 शिक्षकों के दस्तावेज सत्यापन के बाद फर्जी पाए गए. इन 40 शिक्षकों में से 24 शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं. ये शिक्षक अपात्र होते हुए भी लंबे समय से दमोह जिले की विभिन्न प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों में नौकरी कर रहे थे. किसी की बीएड की मार्कशीट फर्जी पाई गई, तो किसी शिक्षक की कोई अन्य अंक सूची फर्जी पाई गई।
इन सभी मामलों में एक चीज बहुत स्पष्ट रूप से निकलकर सामने आई की सभी शिक्षकों ने कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर नौकरी प्राप्त की थी और यह वर्षों से अपात्र होते हुए भी वेतन ले रहे थे. जिला शिक्षा अधिकारी ने प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षकों के जिन 24 मामलों को सत्यापित पाया है उन सभी के विरुद्ध पुलिस अधीक्षक दमोह को पुलिस प्राथमिकी दर्ज करने के लिए शासकीय पत्र लिखा है.
इनमें बहादुर लोधी माध्यमिक शाला जोरतला खुर्द की डीएड द्वितीय वर्ष की अंकसूची फर्जी पाई गई. इसी तरह दीप चंद्रपाल प्राथमिक शिक्षक जामुन की 2003 की बीएड अंक सूची फर्जी पाई गई. माध्यमिक स्कूल में पदस्थ रश्मि सोनी का मामला बड़ा अजीबोगरीब है. रश्मि सोनी की अंक सूची पर उसकी दूसरी बहन भी नौकरी कर रही थी. दरअसल ये दोनों जुड़वा बहने होने के कारण एक ही अंक सूची पर दो अलग-अलग जगह नौकरी करती हुई पाई गई. इनकी सेवाएं स्कूल शिक्षा विभाग में समाप्त कर दी हैं. जबकि एक मामले में शिक्षक द्वारा डिग्रियां तो सही लगाई गई है लेकिन दिव्यांग का प्रमाण पत्र फर्जी प्रस्तुत किया गया है यह मामला भी जांच में है.
कलेक्टर ने कहा- डीईओ के माध्यम से पुलिस अधीक्षक को मुकदमा दर्ज करने के लिए लिखा
पूरे मामले में कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने बताया "40 शिक्षकों के विरुद्ध जो शिकायतें मिली थीं उनमें से 24 का सत्यापन हो गया है. जिन विश्वविद्यालय या संस्थाओं से इन्होंने शिक्षा प्राप्त की है, वहां से भी इनकी पुष्टि हो गई है कि उनके द्वारा लगाए गए दस्तावेज फर्जी हैं. इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से पुलिस अधीक्षक दमोह को मुकदमा दर्ज करने के लिए पत्र लिखा गया है."
उन्होंने आगे कहा "इनमें 11 प्रकरण ऐसे हैं जिनकी जांच लोक शिक्षण विभाग सागर द्वारा की जा रही है. जबकि दो प्रकरण ऐसे हैं जिनकी जांच जिला स्तर पर जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा की जा रही है. एक शिक्षक की अंक सूची सही है लेकिन दिव्यांग सर्टिफिकेट की जांच की जा रही है जबकि कुल 15 प्रकरण ऐसे हैं विश्वविद्यालय माध्यमिक शिक्षा मंडल से सत्यापन होना शेष है."
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