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अजय रघुवंशी |
प्रदेश पत्रिका:- कोई दिन खाली नही जाता जब बुरहानपुर के भारतीय जनता पार्टी के विज्ञप्ति वीर जनप्रतिनिधियों के द्वारा विज्ञप्ति निकाल कर करोड़ों रुपयों के विकास कार्यों के दावे कर अपनी स्वयं की और सरकार के कार्यों की झूठी वाहवाही कर फर्जी काम नहीं गिनाए हो। समय के साथ जनता जान चुकी है भाजपाइयों के दावों और वादों से जमीनी हकीकतों का दूर दूर तक कौन लेना देना नहीं रहता है। जनमानस को झूठे सब्ज चाग दिखाना और जनता को विकास के नाम पर भ्रमित करना शगल बन गया है। उक्त आरोप लगाते हुए कांग्रेस के पूर्व प्रदेश महासचिव अजय सिंह रघुवंशी ने भाजपा जनप्रतिनिधियों को घेरते हुए शहर और विज्ञप्ति बाज नेताओ की हकीकत को उजागर करा रघुवंशी ने कहा कि शहर में करोड़ो के विकास का दावा किया जा रहा है, किंतु करोड़ो के विकास का दावा मानसून के पूर्व हुई बारिश में ही सामने आ गया प्रशासन दावों की पोल खोलने के लिए काफी है।
क्या कारण बने करोड़ों के नाले निर्माण, स्वछता पर करोड़ो खर्च, पानी निकास के लिए कराए गए कार्य शून्य को लांघ नहीं पाए जो स्तिथि पूर्व में थी वहीं स्तिथि वर्तमान बारिश में नजर आई कहाँ है किए दावों की सच्चाई ? एक दिन की बारिश ने इन नेताओं और अधिकारियों के दावों को नालों में बहा दिया, शनवारा रोड, सिंधीपुरा, बुधवारा रोड की हालत देखकर तो अहसास हुआ जनता की स्विमिंग पूल की सौगात नगर निगम ने मुफ्त में ही दे दी है। कांग्रेस नेता रघुवंशी ने पहली बरसात में पूरे शहर में जो हालत बने उस पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि नगर निगम केवल हवाबाजी के काम कर करोड़ों रुपयों का सत्यानाश कर रही है, सड़क डामरीकरण पर भी संशय व्यक्त करते हुए बताया कि एक या दो बरसात में सड़कों की वास्तविक स्थिति ज्ञात हो जाएगी या यूं कहे पोल खुल ही जाएगी।
रघुवंशी ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि बरसात के साथ शुद्ध जल, गड्ढे वाली सड़कों को लेकर कांग्रेस के लोग सड़कों पर आकर आंदोलन पर मजबूर हो जाये इससे पूर्व नेता और अधिकारी अपनी कार्यशैली बदल कर जनहित के काम ईमानदारी से करे। रघुवंशी ने ग्रामीण में भी वर्षा से हुई फसलों की चर्बादी पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि सभी सत्ताधारी खेतो में जाकर फोटो खिंचाने का काम करेंगे, किन्तु इसके बजाय अधिकारियो को खेतों में भेजकर बर्बाद फसलों का आंकलन कर उन्हें उचित मुआवजा दिलाने के प्रयास करे तो बेहतर होगा। कही ऐसा न हो नेताओ के दावे और प्रशासन के वादों की पोल खुल जाए और बेबस जनता सड़क पर उतर जाए।
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