अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर नेपानगर के श्रमिक संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में झंडा फहराने, राष्ट्रीय गान, और अध्यक्ष प्रवीण सोनी के संबोधन के साथ श्रमिकों की एकता और सम्मान का प्रदर्शन किया गया।
हर साल 1 मई को विश्व भर में अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस, जिसे अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस भी कहा जाता है, मनाया जाता है। यह दिन सभी क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिकों के योगदान को सम्मानित करने और उनके अधिकारों को मान्यता देने का अवसर होता है। यह केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि श्रमिक अधिकारों, निष्पक्ष श्रम नीतियों और सुरक्षित तथा समान कार्यस्थलों की आवश्यकता को रेखांकित करने का दिन भी है। वर्ष 2025 में यह दिवस विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यह ऐसे समय में मनाया जा रहा है जब वैश्विक स्तर पर श्रमिक सुरक्षा को मजबूत करने के प्रयास तेज़ हो रहे हैं — विशेष रूप से स्वचालन (ऑटोमेशन) और अनौपचारिक रोज़गार जैसी आधुनिक कार्यस्थल चुनौतियों के बीच।
समाचार में क्यों है?
अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस 2025 गुरुवार, 1 मई को विश्वभर में मनाया जाएगा। यह दिन वैश्विक श्रम शक्ति के प्रयासों, बलिदानों और उपलब्धियों को मान्यता देने के लिए समर्पित है और यह उन ऐतिहासिक संघर्षों की याद दिलाता है जिनके कारण आज श्रमिकों को कई अधिकार और सुरक्षा प्राप्त हैं।
कार्यक्रम के बाद अनाम श्रमिक स्मारक पर माल्यार्पण और आकाशवाणी खंडवा से प्रसारित मजदूर दिवस पर दिए गए भाषण का प्रसारण सुनाया गया। यह आयोजन श्रमिकों के अधिकारों और उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था।
भारत में मज़दूर दिवस
भारत में पहली बार मज़दूर दिवस 1923 में चेन्नई (तत्कालीन मद्रास) में लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान द्वारा कॉमरेड सिंगारवेलु चेट्टियार के नेतृत्व में मनाया गया था। इसी अवसर पर पहली बार मज़दूर अधिकारों के प्रतीक के रूप में लाल झंडा फहराया गया था।
यह दिन महाराष्ट्र दिवस और गुजरात दिवस के साथ भी संयोग रखता है, जो 1960 में इन राज्यों के गठन की स्मृति में मनाए जाते हैं।
मज़दूर दिवस से जुड़े रोचक तथ्य
- मज़दूर दिवस की शुरुआत अमेरिका से हुई, फिर भी अमेरिका और कनाडा में यह 1 मई को नहीं बल्कि सितंबर के पहले सोमवार को मनाया जाता है।
- 80 से अधिक देश आधिकारिक रूप से 1 मई को मज़दूर दिवस मनाते हैं।
- कनाडा में पहला मज़दूर दिवस 1872 में मनाया गया था, जो अमेरिका से भी पहले है।
श्रमिक आंदोलनों के साथ लाल रंग को वैश्विक रूप से जोड़ा जाता है और रैलियों व कार्यक्रमों में इसका उपयोग आम है।
कार्यक्रम में श्रमिक संघ के सभी पदाधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।
आकाशवाणी खंडवा से अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस पर प्रसारित रेडियो वार्ता : वार्ताकार श्री प्रवीण सोनी,
अध्यक्ष नेपा मिल्स श्रमिक संघ, नेपानगर।
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