6 अप्रैल यानी कल पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों पर हवाई हमला किया गया था। ये हवाई हमला ऑपरेशन सिंदूर के तहत हुआ था। इस ऑपरेशन को करने वाली हीरो कर्नल सोफिया कुरैशी है। सोफिया ने पाकिस्तान पर हुए स्ट्राइक की जानकारी साझा की। चलिए जानते हैं कि इन्हें कितनी सेलरी मिलती है एवं भारत सरकार की ओर से और क्या सुविधाएं मिलती हैं।
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ऑपरेशन सिंदूर की हीरो सोफिया कुरैशी को कितनी मिलती है सैलरी? |
कल रात को पाकिस्तान के आतंकवादी की नींद हराम हो गई। पड़ोसी देश में मौजूद कल 9 आतंकी गुटों पर हवाई हमला किया गया। ये हमला ऑपरेशन सिंदूर के तहत किया गया। इस ऑपरेशन के दौरान लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी की अहम भूमिका रही है।
कल रात से ऑपरेशन सिंदूर ऐसा नाम बन गया है, जो सुर्खियों में चल रहा है। चलिए जानते हैं कि ऑपरेशन सिंदूर में अहम भूमिका निभाने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी को कितनी सैलरी मिलती है।
सोफिया कुरैशी को कितनी मिलती है सैलरी?
कर्नल सोफिया कुरैशी ने साल 1999 में ओटीए (ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी) से ट्रेनिंग लेने के बाद लेफ्टिनेंट के रूप में शामिल हुई थी। उन्होंने इससे पहले उत्तर-पूर्व भारत के बाढ़ राहत पर भी अहम भूमिका निभाई है।
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अगर उनकी सैलरी की बात करें तो उनकी बेसिक सैलरी ही ₹1,21,200 - ₹2,12,400 के बीच है। इसके अलावा भी भारत सरकार की ओर से उन्हें कई तरह के भत्ते और बेनिफिट दिए जाते हैं।
क्या-क्या मिलता है भत्ता?
बेसिक पे के अलावा कर्नल सोफिया कुरैशी को महंगाई भत्ता भी दिया जाता है, जो चल रही महंगाई पर निर्भर करता है।
इसके अलावा उन्हें मिलिट्री सर्विस पे के तौर पर हर महीने 15,500 रुपये दिए जाते हैं। यह राशि Brigadier रैंक के नीचे सभी अधिकारियों को मिलती है।
वहीं सभी आर्मी वालों को घर के लिए एचआरए दिया जाता है। इसके अलावा आर्मी पर्सन कितने रिस्क वाले एरिया में काम कर रहा है, इसके आधार पर Field Area Allowance दिया जाता है। ये आमतौर पर 10,500 रुपये से लेकर 25000 रुपये तक होते हैं।
इसके अलावा 3600 रुपये से 7200 रुपये तक ट्रांसपोर्ट अलाउंस या भत्ता दिया जाता है। ये लोकेशन पर निर्भर करता है। वहीं अगर कोई स्पेशन फोर्स यूनिट में काम करता है, तो उसे 25,000 रुपये तक दिए जाते हैं।
सभी आर्मी वालों को हर साल uniform Allowance के तहत 20 हजार रुपये दिए जाते हैं।
कर्नल सोफिया कुरैशी कौन हैं?
सोफिया का जन्म साल 1981 में गुजरात के वडोदरा में हुआ। वे मूल रूप से यहीं की रहने वाली है। उन्होंने बायोकेमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा कर साल 1999 में ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (OTA) से ट्रेनिंग ली। जिसके बाद उन्होंने सेना में लेफ्टिनेंट के रूप में काम करना शुरू किया।
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