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चीनी JF-17 नाकाम होने के बाद भेजे F-16: हताश पाकिस्तान ने तोड़ा अमेरिका से समझौता, F-16 से हमले पर अब हो सकता है बड़ा एक्शन

 


चाइना मेड JF-17 नाकाम होने के बाद पाकिस्तान ने अमेरिका से मिले F-16 भेजे। रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत ने F-16 फाइटर जेट को भी LoC के पास मार गिराया है। हालांकि, भारतीय सेना ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है। F-16 अमेरिकी विमान है, जो पाकिस्तान को कड़ी शर्तों के साथ मिला है। उसमें एक अहम शर्त ये कि पाकिस्तान इसका इस्तेमाल भारत के खिलाफ नहीं करेगा।

पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ F-16 का इस्तेमाल क्यों किया? क्या अमेरिका अब पाकिस्तान से अपने सभी लड़ाकू विमान छीन लेगा, जानेंगे भास्कर एक्सप्लेनर में…

सवाल-1: क्या पाकिस्तान ने भारत पर F-16 फाइटर जेट से हमला किया?

जवाब: 8 मई की रात पाकिस्तान ने जम्मू और पठानकोट पर सुसाइड ड्रोन्स से हमला किया। साथ ही F-16 फाइटर जेट भी उड़ाए। भारत के S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम ने सभी पाकिस्तानी ड्रोन्स मार गिराए। इसने पाकिस्तान के एक F-16 फाइटर जेट को भी मार गिराया है। ऐसा कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है। हालांकि, पाकिस्तानी अखबार डॉन ने पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार के हवाले से इसे फेक बताया है।

सवाल-2: भारत के खिलाफ अमेरिका से दिए F-16 का इस्तेमाल क्यों नहीं कर सकता पाकिस्तान?

जवाब: पाकिस्तान ने अमेरिका से F-16 फाइटर जेट खरीदें हैं। इसको लेकर दोनों देशों के बीच ‘एंड-यूज मॉनिटरिंग एग्रीमेंट’ हुआ है। इसके तहत…


  • भारत के खिलाफ मिलिट्री ऑपरेशंस में F-16 जेट और उसके मूल अमेरिकी हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।
  • इनका इस्तेमाल सिर्फ एंटी-टेररिज्म और इंटरनल सिक्योरिटी ऑपरेशंस तक सीमित है।
  • अमेरिका इन विमानों के इस्तेमाल की निगरानी करता है और किसी भी उल्लंघन पर कार्रवाई कर सकता है।

सवाल-3: अगर पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ इस्तेमाल किया तो क्या अमेरिका अपने सभी F-16 फाइटर जेट छीन लेगा?

जवाबः 2019 में बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने F-16 विमान के जरिए भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश की थी। तब भारत के मिग 21 ने उसे मार गिराया था। भारत ने एफ-16 के इस्तेमाल की शिकायत अमेरिका से की थी। तब अमेरिका ने पाकिस्तान के एयरफोर्स को लेटर लिखकर F16 विमानों का दुरुपयोग करने और उनकी साझा सुरक्षा को खतरे में डालने का आरोप लगाया था। हालांकि, अमेरिका ने पाकिस्तान पर कोई कार्रवाई नहीं की थी।
इसी साल फरवरी में भारत की आपत्ति के बाद भी अमेरिका ने F-16 लड़ाकू विमानों को बनाए रखने के लिए पाकिस्तान को 397 मिलियन डॉलर दिया था। तब भी अमेरिका ने साफ कहा था कि पाकिस्तान इसका इस्तेमाल सिर्फ काउंटर टेररिज्म के लिए करेगा, भारत के खिलाफ नहीं।
ताजे मामले में पाकिस्तान के F16 विमान के इस्तेमाल की बात सच साबित हुई, तो अमेरिका पाकिस्तान पर एक्शन ले सकता है। नियमों के मुताबिक अमेरिका F16 के रख रखाव के लिए दी जाने वाली मदद रोक सकता है। वह चाहे तो इसके इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक भी लगा सकता है।

JNU में इंटरनेशनल स्टडीज के एसोसिएट प्रोफेसर राजन कुमार बताते हैं,

अगर पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ F-16 फाइटर जेट का इस्तेमाल किया है तो भारत अमेरिका को पाकिस्तान पर दबाव बनाने को कह सकता है। इसकी जांच होगी। फिर किसी एक्शन की बात होगी। हालांकि, अमेरिका अपने F-16 वापस लेने का कदम नहीं उठाएगा।

 सवाल-4: पाकिस्तान को आखिर शर्तें तोड़कर F-16 से क्यों हमला करना पड़ा?

जवाबः 7 मई को भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जवाब में पाकिस्तान ने JF-17 फाइटर जेट्स का इस्तेमाल किया था, लेकिन भारत ने इसे मार गिराया। 7-8 मई की दरमियानी रात पाकिस्तान ने भारत के 15 सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला करने की कोशिश की, जिसे भारत ने ना सिर्फ नाकाम किया, बल्कि जवाबी कार्रवाई करते हुए लाहौर एयर डिफेंस सिस्टम को नष्ट कर दिया।

रिटायर्ड एयर वाइस मार्शल ओमप्रकाश तिवारी बताते हैं,

पाकिस्तान के JF-17 चीन ने डेवलप किए हैं, जिन्हें भारत गिरा चुका है। साफ हो चुका है कि पाकिस्तान चीनी हथियारों के साथ भारत के सामने नहीं टिक पाएगा।

 ऐसे में पाकिस्तान ने JF-17 से स्पीड, रेंज, मारक क्षमता में बेहतर F-16 फाइटर जेट का इस्तेमाल किया, जो उसकी एयर फोर्स में सबसे बेहतरीन फाइटर जेट है।

सवाल-5: पाकिस्तान के पास और कौन-से लड़ाकू विमान हैं?

जवाबः पाकिस्तान के पास F-16 और JF-17 के अलावा चीन और फ्रांस से खरीदे लड़ाकू विमान हैं, जिनके दम पर पाकिस्तान, भारत को टक्कर देने का दावा करता है। पाक लड़ाकू विमानों की लिस्ट…

मिराज III और मिराज IV: पाकिस्तान के पास फ्रांस में बने मिराज III और मिराज IV लड़ाकू विमान हैं। पाकिस्तान ने कोल्ड वॉर के दौर में इन्हें खरीदा था। समय के साथ इनकी क्षमता भी बढ़ाई गई। इनकी रफ्तार करीब 2,350 किमी प्रति घंटा है। ये लड़ाकू विमान टेक ऑफ की जगह से 1000 किमी दूर तक वार कर सकते हैं।

हवा में रहते हुए ही इन विमानों में फ्यूल भरा जा सकता है। अभी पाकिस्तान के पास करीब 87 मिराज III और 92 मिराज IV जेट्स हैं।

J-10C: पाकिस्तान ने चीन से J-10C लड़ाकू विमान भी लिए हैं। यह हवा से उड़कर 1,240 किमी दूर जाकर हमला कर सकता है। यह 2,223 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। यह एक साथ कई लड़ाकू विमानों को टारगेट करके हमला कर सकता है। इस विमान से हवा से हवा में और हवा से जमीन पर लंबी दूरी के टारगेट पर हमला किया जा सकता है। इससे PL-10 और PL-15 जैसी मिसाइलें दागी जा सकती हैं।

चेंगडू J-7: F-16 के अलावा पाकिस्तान के पास चीन से लिए चेंगडू J-7 लड़ाकू विमान भी हैं। यह 850 किमी तक वार कर सकता है और लगभग 2,120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। ये एक मिनट में 60 राउंड फायर कर सकता है।


सवाल-6: भारत के पास और कौन-से लड़ाकू विमान हैं?

जवाब: पाकिस्तान की तुलना में भारत के पास कई एडवांस लड़ाकू विमान है। भारत के पास ये विमान है…

राफेल: भारत के पास फ्रांस से खरीदे 36 राफेल लड़ाकू विमान हैं। यह ट्विन-इंजन जेट है, जिसका वजन 10,300 किलो. है। इसकी मैक्सिमम स्पीड 2,220 किमी/प्रति घंटा है। यह 3,700 किमी की रेंज तक वार कर सकता है। राफेल में मेटयोर मिसाइल, रडार-गाइडेड मिसाइल, लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल, एंटी-शिप मिसाइल, गाइडेड बम और 30 मिमी. तोप लगी है।

HAL तेजस: तेजस लड़ाकू विमान का निर्माण भारत ने देश में ही किया है। यह करीब 2,205 किमी प्रति घंटे की स्पीड से उड़ान भरता है। इससे एयर-टु-एयर मिसाइल, क्रूज मिसाइल और ब्रह्मोस मिसाइल ले जाने की क्षमता है। यह 3 हजार किमी की रेंज तक वार कर सकता है। तेजस 50 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। तेजस में सेल्फ प्रोटेक्शन जैमर लगे हैं, जो हवा और जमीन से होने वाले किसी भी हमले से विमान को बचाते हैं।

जगुआर: जगुआर 1400 किमी की रेंज तक वार कर सकता है। यह करीब 2,000 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। इससे एयर-टु-एयर मिसाइल, इंफ्रारेड मिसाइल और कई तरह के बम दागे जा सकते हैं। जगुआर से परमाणु हथियार भी लॉन्च किए जा सकते हैं।

मिराज 2000: फ्रांस में बने मिराज 2000 करीब 1,550 किमी की दूरी तक वार कर सकते हैं। यह करीब 2,700 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरते हैं। मिराज 2000 से एयर-टु-एयर और एयर-टु-सरफेस मिसाइल लॉन्च की जा सकती है। भारत ने 2019 में बालाकोट एयरस्ट्राइक के दौरान इन विमानों का इस्तेमाल किया था।

सुखोई 30: रूस से लिए सुखोई 30 विमान हवा से हवा और हवा से जमीन पर वार कर सकते हैं। यह 3,000 किमी की रेंज तक वार कर सकते हैं। यह 2,300 किमी प्रति घंटे से ज्यादा की स्पीड से उड़ान भरते हैं।

मिग 21: भारत के पास 1963 से मिग 21 विमान हैं। यह 2,480 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरते हैं। मिग 21 विमान करीब 1,210 किमी की दूरी तक वार कर सकते हैं।

मिग 29: मिग 29 से एयर-टु-एयर और एयर-टू-सरफेस हमले किए जा सकते हैं। यह 1,430 किमी तक वार कर सकते हैं। मिग 29 करीब 2,400 किमी प्रति घंटे की स्पीड से उड़ान भरते हैं।



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