जिला बुरहानपुर में स्कूली बच्चों के आवागमन को सुरक्षित बनाए जाने के उद्देश्य से स्कूल बसों की जांच अभियान कलेक्टर हर्ष सिंह और पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पाटीदार के निर्देशों पर चलाया जा रहा है।
।। प्रदेश पत्रिका से दीपक सोनवणे ।।
जिला बुरहानपुर में स्कूली बच्चों के आवागमन को सुरक्षित बनाए जाने के उद्देश्य से स्कूल बसों की गई जांच।34 बसों के परमिट, फिटनेस और ड्रायविंग लाइसेंस अन्य दस्तावेजों की जांच कर दस्तावेज पूर्ण न होने के कारण स्कूल वाहन पर 10,500/-रूपये का जुर्माना किया 02 बसों के परमिट, एवं फिटनेस दस्तावेज समाप्तजुर्मान पर इनकों जप्त कर आरटीओ ऑफिस बुरहानपुर में खड़ा किया गया।
जिला बुरहानपुर में आज माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी गाईड लाईन एवं कलेक्टर महोदय, पुलिस अधीक्षक महोदय के निर्देश के पालन में परिवहन विभाग द्वारा यातायात पुलिस, एवं तहसीलदार बुरहानपुर के साथ संयुक्त जांच कर बुरहानपुर जिले में संचालित स्कूल बसों के द्वारा माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित यातायात मानकों के अनुसार स्कूल बसों के विरूद्ध जांच अभियान चलाया गया।
जांच अभियान में ट्रायम्फल आर्च एकेडमी बुरहानपुर की 12 बसे, इम्पीरियल एकेडमी 05, बुरहानपुर पब्लिक स्कूल 02, सेंट झेव्हीयर्स इंटरनेशनल स्कूल जैनाबाद की 12 बसें एवं लक्कडवाला पब्लिक स्कूल सारोला की 03 बसें इस प्रकार कुल 34 बसों के दस्तावेजों जैसे परमिट, फिटनेस, बीमा, ड्रायविंग लाइसेंस, प्रदूषण प्रमाण पत्र, नंबर प्लेट,ड्रायवर / कण्डक्टर वर्दी, फस्ट एड बॉक्स, अग्नि शमनयंत्र, स्पीड गर्वनर, पैनिक बटन की जांच की गई। जांच में लक्कडवाला पब्लिक स्कूल की 02 बसों के परमिट, एवं फिटनेस समाप्त मिले इनकों जप्त कर आरटीओ ऑफिस बुरहानपुर में खड़ा किया गया है।
इन स्कूलों पर लगाया जुर्माना ।
ट्रायम्फल आर्च एकेडमी की
06 बसों में हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेट ना होने पर 3000/- रूपये का जुर्माना वसूला गया एवं 01 बस में आपातकालीन दरवाजा सहीं नहीं पाए जाने पर 1500/- रूपये जुर्माना वसूल किया गया। इस
सेंट झेव्हीयर्स इंटरनेशनल स्कूल में संचालित स्कूल बसों की 02 बसों में हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेट ना होने की स्थिति में 1000/- का जुर्माना वसूला गया एवं 06 बसों में मोटर व्हीकल एक्ट की अन्य धाराओं में 5000/- रूपये जुर्माना वसूल किया गया। इस प्रकार कुल इस प्रकार कुल 15 बसों से 10,500/- रूपये का जुर्माना वसूल किया गया।
बुरहानपुर जिले के विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में संचालित स्कूल बसों के दस्तावेज पूर्ण करने एवं यातायात नियमों का पालन करने के साथ सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित गाईड लाईन के अनुसार वाहन संचालन करने के संबंध में नोटिस जारी किये जा चुके है।
जांच दल में तहसीलदार बुरहानपुर श्री प्रवीण ओहरिया, नायब लहसीलदार नीतू मंडलोई परिवहन विभाग के अधिकारी श्री विक्रम सिंह ठाकुर, सी एस. बाथम, यातायात सुबेदार नागेन्द्र सिंह ठाकुर, सहायक उप निरीक्षक संदीप केथवास एवं यातायात पुलिस की टीम में प्रधान आरक्षक सुनिल सिंह आरक्षक प्रकाश डुडवे, साहब सिंह, मेहताब सिंह के द्वारा जांच दल में सहयोग किया गया। जाच निरंतर जारी रहेगी।
स्कूल वाहन स्वामियों एवं स्कूल संचालकों से विनम्र अपील है कि वाहन से संबंधित समस्त वैद्य दस्तावेज पूर्ण होने की दशा में ही वाहन का संचालन करे एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा स्कूल बसों के संचालन संबंधी गाईड लाईन का पालन करे। जिससे किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना ना करना पड़े। साथ ही जिन स्कूल प्रबंधन के द्वारा स्कूल बसों का संचालन/उपयोग नहीं किया जा रहा है। वह इसकी लिखित सूचना परिवहन कार्यालय को उपलब्ध कराया जाकर अनुपयोगी स्कूल बसों का पंजीयन निरस्त कराया जाना सुनिश्चित करे।
परिवहन विभाग / पुलिस विभाग / जिला प्रशासन (राजस्व) विभाग द्वारा विशेष चैकिंग अभियान चलाया जाकर वाहनों में कमिया पाई जाने पर मोटरयान अधिनियम के अनुसार कार्यवाही की जावेगी। जिसकी समस्त जवाबदारी स्कूल प्रबंधन / अनुबंधित वाहन स्वामी की रहेंगी।
सुरक्षित आवागमन सुनिश्चित करना: मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि स्कूली बच्चे सुरक्षित रूप से स्कूल आ-जा सकें।
दस्तावेजों की पड़ताल: जांच के दौरान लगभग 75 स्कूल बसों के परमिट, फिटनेस, बीमा, ड्राइविंग लाइसेंस, प्रदूषण प्रमाण पत्र, नंबर प्लेट, ड्राइवर/कंडक्टर की वर्दी, फर्स्ट एड बॉक्स, अग्निशमन यंत्र, स्पीड गवर्नर, पैनिक बटन जैसे आवश्यक दस्तावेजों और सुरक्षा उपकरणों की बारीकी से जांच की गई।
नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई: जांच के दौरान सुरक्षा मानकों का उल्लंघन पाए जाने पर कार्रवाई भी की जा रही है। उदाहरण के लिए, एक बस में आपातकालीन दरवाजे के सामने सीट लगी पाई गई, जिस पर ₹5,000 का जुर्माना लगाया गया।
प्रमुख स्कूलों की बसों की जांच: नेहरू मॉन्टेसरी, अरवाचन इंडिया और मैक्रो विजन एकेडमी जैसे प्रमुख स्कूलों की बसों की विशेष रूप से जांच की गई।
अनुपयोगी और असुरक्षित वाहनों का पंजीयन रद्द करने की चेतावनी: प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि अनुपयोगी और असुरक्षित वाहनों का पंजीयन रद्द किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन: यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुरूप की जा रही है।
आगे की कार्रवाई और दिशानिर्देश:
मासिक रिपोर्ट: कलेक्टर ने स्कूल संचालकों को बसों के संचालन और प्रबंधन की मासिक रिपोर्ट जिला शिक्षा अधिकारी को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
तकनीकी उपकरण: सभी स्कूल बसों में जीपीएस और सीसीटीवी कैमरे चालू हालत में होने चाहिए, साथ ही स्पीड गवर्नर भी लगा होना अनिवार्य है।
सुरक्षा मानक: हर बस में अग्निशमन यंत्र, दो दरवाजे और स्कूल का नाम व फोन नंबर अंकित होना अनिवार्य है। छात्राओं वाले स्कूलों की बसों में शिक्षित परिचारिका की नियुक्ति जरूरी है।
चालक का अनुभव: बस चालक के पास भारी वाहन चलाने का कम से कम 5 साल का अनुभव होना चाहिए।
ट्रांसपोर्ट मैनेजर: स्कूल संचालकों को एक ट्रांसपोर्ट मैनेजर नियुक्त करना होगा, जो बच्चों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होगा।
यह अभियान बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने और यातायात नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
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