प्रदेश पत्रिका :- ग्राम कबर पिपला के ग्रामीणों एवं महिलाओं द्वारा तहसील का घेराव कर जमकर शासन-प्रशासन और कंपनियों के खिलाफ नारेबाजी कर विधायक विजय चौरे के प्रमुख उपस्थिति में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सौंसर को ज्ञापन सौंपा।
ग्राम कबर पिपला से लगे एक नाले में औद्योगिक क्षेत्र बोरगांव कि कंपनियों का दुषित पानी लगातार छोड़ा जा रहा है। केमिकल युक्त दुषित पानी से इतनी बदबू आती है की लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है,नाले से लगा शासकिय हाईस्कूल है जिसमे छात्र-छात्राओं को अध्ययन करने में बाधाएं उत्पन्न होती है। ग्राम कबर पिपला की पेयजल व्यवस्था भी नाले के समीप होने के कारण नाले के पानी का रिसाव होकर ग्रामीणों के दिनचर्या में उपयोग हो रहा है।
इस दौरान विधायक विजय चौरे ने पत्रकारों से वार्ता में कहा कि आज वट सावित्री पूजा का दिन है फिर भी महिलाएं इतनी संख्या में यहां आयी है वेदना तो है पीड़ा तो है। एसडीएम साहब को कई बार हम ज्ञापन दे चुके है कंपनी वाले 15-20 दिन 1 महीना तक यह शांत रहते हैं और फिर से दूषित पानी छोड़ देते हैं।
वहां पर बहुत सारी बीमारियां हो रही है पर यह भारतीय जनता पार्टी की सरकार के राज्य में इस प्रकार का तांडव हो रहा है भाजपा की सरकार भी ध्यान नहीं दे रही और यहां का प्रशासन भी ध्यान नहीं दे रहा है।
यह दो या तीन दिन का अंतिम अल्टीमेटम अभी हमने एसडीएम साहब को दिया हैं अगर गुरुवार तक इसका कुछ नहीं होता तो शुक्रवार को हम खुद नाला बंद करेंगे फिर इसकी बदबू को सहन करने शासन–प्रशासन के अधिकारी तैयार रहे।
ग्राम की पूर्व सरपंच सुरेखा काटोले ने बताया कि कंपनियों का दूषित पानी रात 8 बजे एवं प्रातः 4,5 बजे छोड़ा जाता हैं। इस पानी के कारण लोगो को खुजली,फोड़े,टायफाइड पीलिया आदि हो रहा है बच्चे बुजुर्ग बीमार पड़ रहे हैं। जानवर भी लगातार मर रहे हैं। जब कोई महिला घर के बर्तन धोती है तब बर्तनों पर केमिकल की साय दिखाई पड़ती है जो उनके भोजन के साथ-साथ उनके शरीर में प्रवेश कर अनेक बीमारियों को जन्म दे रही हैं।
ग्रामीण महिला कंचन वैष्णव अपने बच्चे गोद में लिए दूषित पानी का विरोध करने पहुंची तथा पत्रकारों से कहा कि दिन निकलने से ही इंसान जो स्वच्छ हवा प्राप्त करना चाहता हैं सुबह से ही नाली की बदबू से माइग्रेन जैसी समस्या हो जाती हैं बच्चे को इन्फेक्शन हो जाता हैं पूरा परिवार बीमार पड़ जाता हैं।
रात में पानी छोड़ने के पूर्व ही सभी ग्रामीण भोजन करने का प्रयास करते हैं क्योंकि पानी की बदबू इतनी होती है की भोजन करने की इच्छा ही नहीं होती मेहमान घर आने से भी बचते है।
ग्रामीणों द्वारा इसके पुर्व भी कलेक्टर पांढुरना को इस गंभीर समस्या से अवगत कर रेमंड चौक में एक दिवसीय विशाल धरना आंदोलन भी किया गया है फिर भी शासन–प्रशासन के द्वारा किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं कि गई।
इस अवसर पर विधायक विजय चौरे,डॉ.राजेंद्र येमदे, विलास जोगी,विल्सन मेश्राम,किशोर खरपुरिया,अविनाश बोड़े,संजय घोड़की,भोला कुमेरिया,सुरेखा काटोले,प्रतिमा मिलमिले,विमल ठाकुर,जयश्री काटोले,सीता जोगी, चंद्रकला बोबड़े,वर्षा जोगी,मालती कुमेरियां,देविका इंगले एवं समस्त महिलाएं ग्रामीणजन उपस्थित रहे।
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