मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा फर्जी डॉक्टरों और उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एक अभियान चलाया जा रहा है।
यह अभियान दमोह में एक "फर्जी" कार्डियोलॉजिस्ट (हृदय रोग विशेषज्ञ) से जुड़े एक गंभीर मामले के सामने आने के बाद शुरू किया गया है, जिस पर कई मरीजों की मौत का आरोप है।
इस मामले में, नरेंद्र विक्रमदित्य यादव नामक एक व्यक्ति ने कथित तौर पर खुद को ब्रिटेन के प्रसिद्ध कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. एन जॉन कैम बताया और दमोह के एक अस्पताल में हृदय की सर्जरी की। आरोप है कि उसकी गलत उपचार के कारण कम से कम सात मरीजों की मौत हो गई। इस घटना के बाद, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई करने और पूरे राज्य में फर्जी डॉक्टरों की पहचान करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य बातें:
प्रेरणा: दमोह में एक कथित फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट द्वारा की गई सर्जरी से कई मरीजों की मौत का मामला।
सरकार का रुख: मुख्यमंत्री मोहन यादव ने स्पष्ट किया है कि ऐसे गैर-कानूनी और गलत काम करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा और स्वास्थ्य विभाग को कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
अभियान: पूरे मध्य प्रदेश में फर्जी डॉक्टरों की पहचान करने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एक अभियान चलाया जा रहा है।
जांच: दमोह मामले में FIR दर्ज की गई है और जांच जारी है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) भी इस मामले की जांच कर रहा है।
यह कार्रवाई लोगों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि केवल योग्य और पंजीकृत डॉक्टर ही चिकित्सा सेवाएं प्रदान करें।
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