महिला अधिकार मंच राष्ट्रीय अध्यक्ष ज्योति सिंह ने बताया शिक्षा किसी भी समाज की प्रगति की आधारशिला होती है। एक शिक्षित व्यक्ति न केवल स्वयं का भविष्य संवारता है, बल्कि समाज को भी सही दिशा में ले जाने का कार्य करता है। ऐसे में यदि किसी जरूरतमंद विद्यार्थी को शिक्षा सामग्री भेंट की जाती है, तो यह एक पुण्य कार्य ही नहीं, बल्कि सामाजिक उत्तरदायित्व का पालन भी है।
जिला अध्यक्ष प्रेमलता सांकले ने बताया आज भी हमारे देश में अनेक ऐसे बच्चे हैं जिनकी प्रतिभा तो अनमोल है, परंतु आर्थिक अभाव के कारण वे पुस्तकें, कॉपियां, पेन, बैग जैसी मूलभूत शिक्षा सामग्री से वंचित रह जाते हैं। ऐसे में यदि कोई व्यक्ति, संस्था या समूह उन्हें ये आवश्यक सामग्री भेंट करता है, तो यह कार्य उनके जीवन में उजाले की किरण बनकर आता है।
विशेष सलाहकार मंगला दुबे ने बताया शिक्षा सामग्री भेंट करने से विद्यार्थियों को पढ़ाई में रुचि बढ़ती है।चाइल्ड काउंसलर रजनी गट्टानी ने बताया बच्चों को अहसास होता है कि समाज उनके साथ है और उनकी मेहनत को समर्थन मिल रहा है। आत्मविश्वास बढ़ता है और वे नये जोश से शिक्षा की ओर अग्रसर होते हैं।
यह कार्य न केवल विद्यार्थियों के लिए उपयोगी है, बल्कि दानकर्ता के लिए भी आत्मिक संतोष देने वाला होता है। यह सेवा प्रकार का ऐसा दान है जो लंबे समय तक फलदायी होता है – क्योंकि ज्ञान का दिया एक बार जलता है तो जीवनभर प्रकाश देता है।
गणेश स्कूल के प्रिंसिपल गोपाल यादव जी ने बताया शिक्षा सामग्री भेंट करना एक सच्ची सेवा है। यह कार्य समाज के उन कोनों तक रोशनी पहुंचाता है, जहां अभी भी अंधेरा है। यदि हम सब मिलकर थोड़ी-थोड़ी जिम्मेदारी लें, तो हम न केवल बच्चों का भविष्य संवार सकते हैं, बल्कि एक समृद्ध और शिक्षित राष्ट्र की नींव भी रख सकते हैं।कृष्ण की माता नीतू सोनवाने ने मंच को धन्यवाद दिया और आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर मंच के सभी सदस्य और गणेश स्कूल के प्राचार्य और शिक्षक उपस्थित रहे।
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