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मध्य प्रदेश के भिंड जिले में हुई इस घटना के बारे में जानकारी मिली है। भिंड के भाजपा विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह और कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के बीच खाद वितरण को लेकर तीखी बहस और उन पर हाथ उठाया गया है।

 

MP इवनिंग बुलेटिनः भाजपा विधायक ने कलेक्टर पर हाथ उठाया



भिंड के भाजपा विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह और कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के बीच खाद वितरण को लेकर तीखी बहस हुई।

विधायक- प्राइवेट आदमियों से वसूली करवा रहे हो। वहां पटवारी भेज दिए।

इसके बाद विधायक के कुछ समर्थक नारे लगा रहे थे। वो रुके तो विधायक बोले- लगाओ नारे। इसी समय कलेक्टर से फिर विधायक बोले- पटवारी कैसे बैठाए। फिर कलेक्टर अंदर चले गए। इसी समय विधायक अभद्र भाषा में बोलते हुए गेट के अंदर घुस गए और बोले- तू आ जा तुझे देखता हूं। तू आजा।

इस पर कलेक्टर फिर लौटे और विधायक के समर्थकों को डांटते हुए बोले मेरे घर के अंदर आकर वीडियो क्यों बना रहे हो। मेरे घर के अंदर वीडियो बना रहे हो। इस पर समर्थकों ने मोबाइल बंद कर लिया। खाद के लिए देर रात से लाइन में लग रहे किसान

इससे पहले प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि वे रात 12 बजे से सहकारी समितियों के बाहर कतार में खड़े हो जाते हैं, लेकिन उन्हें मुश्किल से एक या दो बोरी खाद ही मिल पा रही है। वे लगातार जनप्रतिनिधियों और प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो रहा है।

किसानों का आरोप है कि खाद खुले बाजार में महंगे दामों पर आसानी से उपलब्ध है, जिससे कालाबाजारी की आशंका गहरा रही है।

विधायक कुशवाह ने प्रभारी मंत्री प्रहलाद पटेल से भी फोन पर बातचीत की।

भिंड विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह अपने समर्थकों के साथ कलेक्टर आवास पर पहुंचे थे। यहां कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव मेन गेट पर आए। यहां विधायक ने तू-तड़ाक शुरू किया। इस पर कलेक्टर नाराज हो गए। कलेक्टर ने उंगली दिखाई और कहा औकात में बातचीत करना।

विधायक कुशवाह ने आंखें दिखाते हुए दांतों को पीसते हुए मुक्का बांधकर दिखाया। इस पर समर्थक भी गुस्साए और कहा कि औकात से बोलना। फिर नारेबाजी की। इस समय कलेक्टर गेट के अंदर को हुए।

विधायक कुशवाह ने फिर थप्पड़ मारने के लिए हाथ दिखाया। तभी गार्ड आगे आए। उन्होंने कलेक्टर को भीतर करते हुए विधायक और कलेक्टर के बीच गेट पर हाथ रख लिए।

विधायक- तू मुझे जानता नहीं है। कई बार समझा दिया फिर भी नहीं मानता।

कलेक्टर- रेत की चोरी नहीं चलने दूंगा।

विलेक्टर ने ओझा गांव की रेत खदान के बारे में बोलना चाहा तभी विधायक ने फिर आंखें दिखाई और गुस्साए। इस दौरान कलेक्टर ने फिर कुछ कहा। इस पर फिर विधायक बंगले में घुसने लगे। इसी दौरान विधायक के गार्ड ने कहा भाई साहब बैठकर बातचीत कर लीजिए।


जनप्रतिनिधि और अधिकारियों के बीच के रिश्ते की मर्यादा क्या है?
क्या जनप्रतिनिधि के पास अपनी बात रखने के लिए और कोई तरीका नहीं है?
इस तरह के टकराव से आम जनता के काम पर क्या असर पड़ेगा?
क्या अधिकारियों के लिए भी अपनी बात रखने के लिए एक निश्चित तरीका होना चाहिए?

जनप्रतिनिधियों और सरकारी अधिकारियों दोनों का काम जनता की सेवा करना है। जब वे इस तरह से आमने-सामने आते हैं, तो यह दिखाता है कि कहीं न कहीं संवाद की कमी है। ऐसी घटनाओं से जनता के मन में भी व्यवस्था के प्रति अविश्वास पैदा होता है।

यह घटना उस समय हुई जब विधायक अपने समर्थकों और किसानों के साथ कलेक्टर के आवास पर प्रदर्शन कर रहे थे।

भिंड के भाजपा विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह और कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के बीच खाद वितरण को लेकर तीखी बहस हुई। यह घटना उस समय हुई जब विधायक अपने समर्थकों और किसानों के साथ कलेक्टर के आवास पर प्रदर्शन कर रहे थे।
खबरों के अनुसार,

 बहस के दौरान विधायक ने कलेक्टर पर हाथ उठाने की कोशिश की और उन्हें "चोर" कहा। कलेक्टर ने भी विधायक को "औकात में रहने" की बात कही। विवाद इतना बढ़ गया कि विधायक अपने समर्थकों के साथ कलेक्टर के घर में घुस गए और वहां भी तीखी नोकझोंक हुई  मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने दोनों को अलग किया और स्थिति को संभाला।

इस घटना के बाद, विधायक ने आरोप लगाया कि प्रशासन खाद की कालाबाजारी कर रहा है। वहीं, कलेक्टर ने विधायक के व्यवहार को "गुंडागर्दी" बताया है और उनके खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने (IPC की धारा 353) और धमकी देने (IPC की धारा 506) के तहत मामला दर्ज कराया है।
यह मामला अभी जांच के दायरे में है और दोनों पक्षों की तरफ से आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।

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