Skip to main content

छतरपुर जिले के हरपालपुर में बीजेपी नेता और नगरपालिका सीएमओ के बीच गर्मागर्म बहस. सीएमओ ने दबंगई दिखा सिखाया सबक.

 

छतरपुर जिले के हरपालपुर में बीजेपी नेता और नगरपालिका सीएमओ के बीच गर्मागर्म बहस. सीएमओ ने दबंगई दिखा सिखाया सबक.

छतरपुर जिले के हरपालपुर में बीजेपी नेता और नगरपरिषद CMO के बीच कहासुनी के बाद मामले ने विवाद का रंग ले लिया. छतरपुर जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर हरपालपुर नगरपरिषद इलाके में रहने वाले बीजेपी नेता व पूर्व मंडल अध्यक्ष महेश राय और CMO शैलेन्द्र सिंह के बीच हुई गर्मागर्म बहस सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है. मामले के तूल लेने पर नौगांव एसडीएम ने सीएमओ को समझाइश दी.

घर के बाहर कचरा देख भड़के सीएमओ

मामले के अनुसार BJP नेता ने घर के बाहर रोड पर कचरा फेंक दिया. इसी दौरान भ्रमण पर निकले CMO मौके पर पहुंचे. सीएमओ ने कचरा देखकर BJP नेता महेश राय के घर से बाहर बुलाया. CMO और बीजेपी नेता के बीच कचरा उठाने को लेकर बहस शुरू हो गई. CMO शैलेन्द्र सिंह ने कहा "अगर कचरा नहीं उठाया तो घर के अंदर फेक दिया जाएगा." वहीं गुस्साए BJP नेता महेश राय ने कहा ठदम है तो फिंकवाकर दिखाओ."

🤔 परिदृश्य और विचार

​यह एक संवेदनशील मामला है जिसमें एक अधिकारी का कर्तव्य और नवाचार (डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन को प्रभावी बनाना) एक राजनीतिक दबाव के सामने आ गया है।

एसडीएम ने सीएमओ को समझाया

बीजेपी नेता का कहना है "इसकी शिकायत मैंने कलेक्टर, SDM और बीजेपी नेताओं सहित नगरपरिषद के अध्यक्ष से की है." वहीं, सीएमओ शैलेन्द्र सिंह का कहना है "शहर को साफ रखने की जिम्मेदारी सभी की है. ऐसा इसलिए किया कि और लोग सफाई के प्रति जागरूक हो सकें." वहीं, नौगांव SDM जीएस पटेल का कहना है "मामला संज्ञान में आया है. CMO को समझाइश दी गई है. इस तरह करना उचित नही है. लोगों को भी सफाई में सहयोग करना चाहिए."


मुख्यमंत्री के सामने दो मुख्य बातें होंगी:

स्वच्छता और जनहित: क्या अधिकारी शैलेन्द्र चौहान का कदम (कचरा न देने वालों पर कार्रवाई) स्वच्छ भारत अभियान और शहर की स्वच्छता के व्यापक हित में था?

राजनीतिक तालमेल: क्या इस कार्रवाई से स्थानीय भाजपा नेता के दबाव या राजनीतिक संतुलन को कोई नुकसान हुआ है?

​एक कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी जो नियमों को प्रभावी ढंग से लागू कर रहा है, उसकी पीठ थपथपाना और उसे प्रोत्साहित करना अक्सर सुशासन (Good Governance) का प्रतीक माना जाता है। वहीं, राजनीतिक शिकायतें भी उतनी ही महत्वपूर्ण होती हैं।

आप देख रहे है 👇



Comments

Popular posts from this blog

नेपा लिमिटेड में ज्ञानेश्वर खैरनार को संपदा अधिकारी नियुक्त किया गया.!

                प्रदेश पत्रिका:- केंद्रीय भारी उद्योग मंत्रालय के उपक्रम नेपा लिमिटेड में वरिष्ठ प्रबंधक (कार्मिक एवं प्रशासन) ज्ञानेश्वर खैरनार को लोक परिसर (अनधिकृत अधिभोगियों की बेदखली) अधिनियम-1971 के अंतर्गत टाउनशिप प्रशासक नियुक्त किया गया हैं। वे उक्त अधिनियम की धारा 3 के तहत संपदा अधिकारी के दायित्व का निर्वहन करेंगें। ज्ञात हो कि, नेपा लिमिटेड में पिछले लगभग एक वर्ष से यह पद रिक्त था। इस नियुक्ति के साथ, ज्ञानेश्वर खैरनार लोक परिसर अधिनियम के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करेंगे और इसके अधीन अधिरोपित कर्तव्यों का पालन करेंगे। इस नियुक्ति पर सीएमडी राकेश कुमार चोखानी सहित पूरे नेपा लिमिटेड परिवार ने ज्ञानेश्वर खैरनार को शुभकामनाएं प्रेषित की हैं।      आप देख रहे हैं 👇

नगर में नगर पालिका अध्यक्ष पति विनोद पाटिल और पार्षद पति कैलाश पटेल में मनमुटाव की चर्चा।

 वार्ड क्रमांक 07 की पार्षद सपना कैलाश पटेल ने नगर पालिका से स्वच्छता मिशन के अंतर्गत हुई खरीदी का पूरा विवरण। वार्डक्रमांक 07 की पार्षद सपना कैलाश पटेल प्रदेश पत्रिका:- नेपानगर, दिनांक 18 मार्च 2025 - नगर पालिका परिषद नेपानगर के वार्ड क्रमांक 07 की पार्षद सपना कैलाश पटेल ने नगर पालिका प्रशासन से वर्ष 2023 और 2024 में स्वच्छता मिशन के तहत खरीदे गए सभी उपकरणों का लिखित ब्यौरा देने की मांग की है। नगर पालिका द्वारा स्वच्छता अभियान  के तहत हर साल लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं, लेकिन नगर में सफाई व्यवस्था में अपेक्षित सुधार नहीं दिख रहा है। ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि पिछले दो वर्षों में स्वच्छता मिशन के तहत कितनी राशि खर्च हुई, किन-किन उपकरणों की खरीदी हुई, उनकी गुणवत्ता क्या है, वे वर्तमान में कहां उपयोग हो रहे हैं, और उनके रखरखाव की क्या व्यवस्था है। पार्षद सपना कैलाश पटेल  ने प्रशासन को एक आधिकारिक पत्र सौंपकर यह जानकारी सार्वजनिक करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि नगर के नागरिकों को यह जानने का हक है कि स्वच्छता अभियान के लिए दिए गए सरकारी बजट का सही उपयोग हुआ ह...

8 फरवरी से राशन कार्ड धारकों को मिलेगा बड़ा फायदा! जानें नया नियम!

भारत सरकार ने राशन कार्ड धारकों के लिए एक नई योजना की घोषणा की है, जो 8 फरवरी 2025 से लागू हो रही है। इस योजना का उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद परिवारों को राहत प्रदान करना और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इस नई पहल के तहत, राशन कार्ड धारकों को न केवल मुफ्त राशन मिलेगा, बल्कि उन्हें हर महीने आर्थिक सहायता भी दी जाएगी। यह योजना देश के करोड़ों लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालेगी। इस लेख में, हम आपको इस योजना के सभी पहलुओं की जानकारी देंगे, जैसे कि इसके लाभ, पात्रता मानदंड, आवश्यक दस्तावेज, और आवेदन प्रक्रिया। साथ ही, हम यह भी समझेंगे कि यह नया नियम किस तरह से राशन वितरण प्रणाली को अधिक पारदर्शी और कुशल बनाएगा। राशन कार्ड योजना 2025 का मुख्य विवरण नीचे दिए गए टेबल में इस योजना का एक संक्षिप्त अवलोकन प्रस्तुत किया गया है:  योजना के लाभ इस नई योजना के तहत लाभार्थियों को कई महत्वपूर्ण सुविधाएं मिलेंगी: मुफ्त राशन: पात्र परिवारों को हर महीने मुफ्त अनाज (चावल और गेहूं) मिलेगा। आर्थिक सहायता: प्रत्येक परिवार को हर महीने ₹1000 की वित्तीय सहायता सीधे उनके बैंक खाते में दी जाएग...