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बुरहानपुर की जल क्रांति की पहचान बनीं बुरहानपुर विधायक श्रीमती अर्चना चिटनिस ग्राम बोरी बुजुर्ग में आयोजित सभा में राज्यपाल मंगू भाई पटेल राज्यपाल ने कहा-‘पानी वाली दीदी’....

बुरहानपुर के ग्राम बोरी बुजुर्ग में आयोजित सभा में राज्यपाल मंगू भाई पटेल राज्यपाल ने कहा-‘पानी वाली दीदी’

बुरहानपुर की जल क्रांति की पहचान बनीं बुरहानपुर विधायक श्रीमती अर्चना चिटनिस 

बुरहानपुर जिले में जल संरक्षण और भूजल पुनर्भरण के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय, सतत एवं परिणामोन्मुख कार्यों को उस समय नई पहचान मिली, जब माननीय राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने बुधवार को बुरहानपुर जिले के ग्राम बोरीबुजुर्ग में आयोजित कार्यक्रम में विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) को स्नेहपूर्वक “पानी वाली दीदी” कहकर संबोधित किया। यह संबोधन केवल सम्मान नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के जल संरक्षण विजन को धरातल पर उतारने वाले बुरहानपुर मॉडल की सार्वजनिक सराहना भी है।

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि जल संकट जैसी ज्वलंत समस्या के समाधान के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रारंभ किए गए जल शक्ति अभियान और “कैच द रैन वाटर-जहां गिरे, जब गिरे” के संदेश को बुरहानपुर जिले में प्रभावी रूप से लागू किया गया है। विधायक श्रीमती अर्चना चिटनिस के नेतृत्व में इन प्रयासों को जनसहयोग के माध्यम से जन आंदोलन का स्वरूप मिला।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत जिले को दिए गए 75 अमृत सरोवरों के लक्ष्य से अधिक 103 अमृत सरोवरों का निर्माण कर बुरहानपुर ने उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की। साथ ही जनसहयोग एवं मनरेगा के माध्यम से सैकड़ों तालाबों का निर्माण, परंपरागत कुओं की सफाई एवं गहरीकरण, खेत तालाब और खेत कुंड बनाए गए। इन प्रयासों से भूजल पुनर्भरण को मजबूती मिली और कई गांवों में वर्षों से सूखे पड़े कुएं पुनः जीवित हुए, जिससे ग्रीष्मकाल में भी जल उपलब्धता सुनिश्चित हो सकी।

भाजपा शासनकाल में हुए जल संरचना कार्य

क्षेत्र में जब-जब जल संरचनाओं का निर्माण हुआ, तब-तब भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में विकास कार्य आगे बढ़े। झांझर और पिपराना तालाब का निर्माण तत्कालीन वन मंत्री और विधायक प्रो. ब्रजमोहन मिश्रा जी के कार्यकाल में हुआ, जो आज भी क्षेत्र की सिंचाई एवं जल आवश्यकता की पूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसी क्रम में झिरपांजरिया, इटारिया, भगवानिया एवं धूलकोट में तालाबों का निर्माण कराया गया। अब इस क्षेत्र में मात्र एक अम्बा-धनबेरी तालाब निर्माण की मांग है। लगभग 38 करोड़ रुपए की लागत से प्रस्तावित इस तालाब के निर्माण से क्षेत्र में सिंचाई सुविधाओं का विस्तार होगा और कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी। इसकी स्वीकृहित हेतु मैं मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव से मुलाकात कर आग्रह करूंगी।

जल संरक्षण से कृषि और उद्यानिकी को बढ़ावा

जल उपलब्धता बढ़ने से क्षेत्र में कृषि विविधीकरण के नए अवसर भी सृजित हो सकेंगे। श्रीमती अर्चना चिटनिस ने राज्यपाल महोदय के क्षेत्र नवसारी में आम की खेती कर रहे किसानों की खुशहाली का जिक्र किया, जिससे उन्हें बेहतर आमदनी प्राप्त हो रही है। इसी को देखते हुए विधायक श्रीमती अर्चना चिटनिस ने वनवासी क्षेत्र के वनवासी बंधु, किसानों से फल एवं उद्यानिकी आधारित खेती अपनाने का आह्वान किया ताकि जल संरक्षण के साथ-साथ आर्थिक समृद्धि भी सुनिश्चित की जा सके।

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने भी इस विचार का समर्थन करते हुए कहा कि यदि जल संरक्षण के साथ फलोद्यान और बागवानी को प्रोत्साहित किया जाए, तो यह प्रयास और अधिक प्रभावी होगा और किसानों की आय में वृद्धि सुनिश्चित हो सकेगी।

इस अवसर पर विधायक श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि जल केवल संसाधन नहीं, बल्कि जीवन का आधार है। यदि आज पानी को नहीं सहेजा गया, तो आने वाली पीढि़यां हमें माफ नहीं करेंगी। उन्होंने “माता भूमिरू पुत्रोऽहं पृथिव्याः” के भाव के साथ धरती मां और जल स्रोतों के संरक्षण का संकल्प दोहराया।

आज ‘पानी वाली दीदी’ के नाम से मिली पहचान बुरहानपुर जिले के प्रत्येक नागरिक के लिए गर्व का विषय है। यह उस नेतृत्व की प्रतीक है, जिसने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से तालाबों का निर्माण, कुओं का पुनर्जीवन और जल संरक्षण को विकास, कृषि एवं भविष्य से जोड़ते हुए एक सशक्त और स्थायी जन आंदोलन का स्वरूप दिया।

बुरहानपुर की यह जल क्रांति आज प्रदेश ही नहीं, बल्कि देशभर के लिए प्रेरणा बन रही है।

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