बुरहानपुर जिला क्षय एवं आईसीटीसी खकनार अस्पताल के द्वारा सयुक्त रूप से नेपानगर के केरपानी गोलखेडा में शिविर आयोजित किया गया
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बुरहानपुर जिले के खकनार और नेपानगर क्षेत्र (विशेषकर केरपानी और गोलखेड़ा जैसे अंदरूनी इलाके) में स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन समुदाय के स्वास्थ्य स्तर को सुधारने में बहुत मददगार साबित होता है। |
बुरहानपुर जिला क्षय एवं आईसीटीसी खकनार अस्पताल के द्वारा सयुक्त रूप से नेपानगर के केरपानी गोलखेडा में शिविर आयोजित किया गया
बुरहानपुर जिला क्षय उन्मूलन केंद्र बुरहानपुर एवं आईसीटीसी केन्द्र खकनार अस्पताल के द्वारा आयुष्मान आरोग्य मंदिर गोलखेड़ा केरपानी में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत निक्षय शिविर लगाया गया l जिला एड्स नियंत्रण समिति
बुरहानपुर के आईसीटीसी केंद्र खकनार अस्पताल के परामर्शदाता हरलाल सिसोदिया ने एचआईवी की जांच करके उपस्थित लोगो को एचआईवी की जांच समय समय पर करवाने की सलाह दी है
शिविर के प्रमुख बिंदु
क्षय रोग (TB) की जांच: जिला क्षय केंद्र द्वारा बलगम के नमूने लेना और लोगों को टीबी के लक्षणों (जैसे 2 हफ्ते से ज्यादा खांसी, वजन कम होना) के प्रति जागरूक करना।
ICTC (HIV/AIDS) परामर्श: आईसीटीसी केंद्र के माध्यम से सुरक्षित स्वास्थ्य व्यवहार और एचआईवी जांच की सुविधा उपलब्ध कराना।
निःशुल्क उपचार व दवाएं: मौके पर ही प्राथमिक उपचार और आवश्यक दवाइयों का वितरण।
ग्रामीण जागरूकता: 'केरपानी' और 'गोलखेड़ा' जैसे क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच सुनिश्चित करना जहाँ अक्सर लोग बड़े अस्पतालों तक नहीं पहुँच पाते।
l क्षय उन्मूलन केंद्र बुरहानपुर द्वारा लगातार ग्रामीण क्षेत्रों में शिविर लगाए जा रहे हैं जिसका मुख्य लक्ष्य एक्स रे और ख़खार की जांच द्वारा नए टीबी मरीजों की खोज करना है। शिविर में कुल 55 लोगों के एक्स रे, बलगम सैंपल, साय टीबी टेस्ट ओर एच आई वी जांच किए गए। टीबी या क्षय रोग की जांच ओर इलाज सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर निःशुल्क है। सीनियर टीबी ट्रीटमेंट सुपरवाइजर राजू राठौड़ ने बताया कि टीबी का इलाज संभव है यदि किसी व्यक्ति को लगातार खांसी, बुखार, वजन कम होना,भूख न लगना, बलगम में खून आना आदि लक्षण हैं तो बलगम की जांच कराए। टीबी रोग होने का खतरा 60 से अधिक उम्र, ततंबाकू, शराब सेवन, एच.आई.वी, मधुमेह, कमजोर ओर दुर्बल लोग, खराब जीवनशैली,टीबी मरीज के लगातार संपर्क में आए व्यक्तियों, परिवार के सदस्य आदि में ज्यादा रहता है।
उक्त शिवर में सीनियर लैब सुपरवाइजर पदमाकर पाटिल द्वारा साई टीबी टेस्ट लगाया गया जिससे टीबी इन्फेक्शन का पता लगाया जाता है। आईसीटीसी खकनार अस्पताल के एचआईवी परामर्शदाता हरलाल सिसोदिया द्वारा एचआईवी जांच की गई। सीनियर टीबी ट्रीटमेंट सुपरवाइजर राजू राठौड़ और पीटर मेडा द्वारा एक्स रे किया गया। सी.एच.ओ नरगिस मंसूरी द्वारा बीपी शुगर की जांच और आवश्यक दवाई दी गई l जगदीश रावत द्वारा बलगम सैंपल लिए गए। आशा अनीता नंदी द्वारा ग्रामीण लोग को शिविर में लाया गया।
इस पहल का महत्व
इस तरह के शिविरों से न केवल बीमारियों का जल्द पता (Early Detection) चलता है, बल्कि सरकारी योजनाओं जैसे 'निक्षय पोषण योजना' (टीबी मरीजों के लिए आर्थिक सहायता) की जानकारी भी लोगों तक सीधे पहुँचती है।


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