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बुरहानपुर कैबिनेट से मिली ऐतिहासिक मंजूरी, मौसम आधारित फसल बीमा की दिशा में बड़ा निर्णय-विधायक श्रीमती अर्चना चिटनिस बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के क्रियान्वयन हेतु वेदर इंर्फाेमेशन नेटवर्क एंड डाटा सिस्टम की स्थापना अत्यंत आवश्यक रही। जिसके लिए मेरे विगत तीन वर्षों के सतत प्रयास से कैबिनेट की स्वीकृति के पश्चात अब कृषि विभाग द्वारा ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन की स्थापना हेतु टेंडर प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ की जाएगी।


मध्य प्रदेश बुरहानपुर कैबिनेट से मिली ऐतिहासिक मंजूरी, मौसम आधारित फसल बीमा की दिशा में बड़ा निर्णय-विधायक श्रीमती अर्चना चिटनिस

 बुरहानपुर प्रदेश के किसानों, विशेषकर उद्यानिकी एवं केला उत्पादक किसानों के हित में मध्यप्रदेश मंत्रिपरिषद (कैबिनेट) ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत अनिवार्य “वेदर इंर्फोमेशन नेटवर्क एंड डाटा सिस्टम” की स्थापना को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस निर्णय से प्रदेश में मौसम आधारित फसल बीमा योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने का मार्ग प्रशस्त होगा। श्रीमती चिटनिस ने स्वीकृति प्रदान करने पर प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव, मंत्रिपरिषद सहित उच्चाधिकारियों का आभार व्यक्त किया।

श्रीमती अर्चना चिटनिस ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के क्रियान्वयन हेतु वेदर इंर्फाेमेशन नेटवर्क एंड डाटा सिस्टम की स्थापना अत्यंत आवश्यक रही। जिसके लिए मेरे विगत तीन वर्षों के सतत प्रयास से कैबिनेट की स्वीकृति के पश्चात अब कृषि विभाग द्वारा ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन की स्थापना हेतु टेंडर प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ की जाएगी। टेंडर प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद जिलों में ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन की स्थापना हो सकेंगी।

श्रीमती चिटनिस ने मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव से आग्रह किया कि ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन की स्थापना हेतु टेंडर प्रक्रिया के साथ-साथ उद्यानिकी विभाग द्वारा उद्यानिकी फसलों के लिए मौसम आधारित बीमा योजनांतर्गत बीमा एजेंसियों से टेंडर आमंत्रित कर लिए जाए। जिससे दोनों प्रक्रिया एक साथ पूर्ण हो सकंेगी। जिससे 3 माह में संपूर्ण कार्यवाही हो सकेंगी और किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ शीघ्र मिल सकेगा।

श्रीमती अर्चना चिटनिस ने बताया कि भारत सरकार द्वारा वर्ष 2023 में प्रारंभ की गई “वेदर इंर्फोमेशन नेटवर्क एंड डाटा सिस्टम” योजनांतर्गत प्रदेश में एक सुदृढ़, सटीक, सघन, समयबद्ध एवं मानकीकृत मौसम आंकलन प्रणाली विकसित की जा रही है। इस प्रणाली से कृषि एवं उद्यानिकी फसलों की फसल योजना व एडवाइजरी, मौसम आधारित फसल बीमा आपदा प्रबंधन फसल क्षति, उत्पादन एवं उपज का आंकलन फसल स्थिति का वैज्ञानिक मूल्यांकन एवं कृषि अधोसंरचना नियोजन जैसे महत्वपूर्ण कार्यों के लिए विश्वसनीय मौसम आंकड़े उपलब्ध हो सकेंगे। “वेदर इंर्फोमेशन नेटवर्क एंड डाटा सिस्टम” कार्यक्रम का उद्देश्य मौसम आंकड़ों के संकलन, मानकीकरण, संग्रहण एवं वितरण को भारतीय मौसम विभाग एवं राज्य सरकारों के समन्वय से सुदृढ़ बनाना है।

प्रक्रिया पूर्ण होने तक किसानों को मिलेगा मुआवजा

ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन एवं “वेदर इंर्फोमेशन नेटवर्क एंड डाटा सिस्टम” प्रणाली की स्थापना एवं बीमा टेंडर प्रक्रिया पूर्ण होने तक प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि जिले के राजस्व विभाग एवं उद्यानिकी विभाग संयुक्त रूप से किसानों के वास्तविक नुकसान का आंकलन करें, ताकि आरबीसी 6/4 के अंतर्गत पात्र किसानों को न्यायोचित मुआवजा समय पर उपलब्ध कराया जा सके। इसके साथ ही प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान का निष्पक्ष, पारदर्शी एवं वैज्ञानिक आंकलन सुनिश्चित करने हेतु राजस्व अधिकारियों एवं समस्त पटवारियों का ओरिएंटेशन व प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की जाएगी।

अर्चना चिटनिस की रही निर्णायक भूमिका

इस महत्वपूर्ण निर्णय के पीछे विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण एवं निर्णायक रही है। उन्होंने लगातार शासन स्तर पर इस विषय को मजबूती से उठाया और किसानों की जमीनी समस्याओं को तथ्यात्मक रूप से सामने रखा। श्रीमती चिटनिस ने विधानसभा सत्र के दौरान प्रश्न क्रमांक 691, ध्यानाकर्षण प्रस्तावों एवं मुख्यमंत्री तथा कृषि मंत्री से निरंतर संवाद के माध्यम से इस विषय को शासन के एजेंडे में बनाए रखा। उनके सतत प्रयासों, पत्राचार एवं बैठकों का ही परिणाम है कि आज मौसम आधारित फसल बीमा को लेकर कैबिनेट स्तर पर ठोस निर्णय लिया गया।

बुरहानपुर के केला किसानों को होगा विशेष लाभ

इस निर्णय से बुरहानपुर जिले के हजारों केला किसानों को विशेष एवं प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। केला एक अत्यंत मौसम-संवेदनशील उद्यानिकी फसल है, जो तेज हवा, अतिवृष्टि, तापमान में अचानक बदलाव, ओलावृष्टि एवं प्राकृतिक आपदाओं से शीघ्र प्रभावित होती है। ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन एवं “वेदर इंर्फोमेशन नेटवर्क एंड डाटा सिस्टम‘‘ प्रणाली के माध्यम से अब केले की फसल में होने वाले नुकसान का स्थानीय स्तर पर सटीक, वैज्ञानिक एवं पारदर्शी आंकलन संभव हो सकेगा। इससे केला किसानों को वास्तविक नुकसान के आधार पर बीमा दावा मिलेगा। बीमा भुगतान में विवाद व देरी में कमी आएगी। उद्यानिकी फसलों के लिए बीमा एजेंसियों की सहभागिता बढ़ेगी। प्राकृतिक आपदा की स्थिति में किसानों को समय पर आर्थिक राहत मिलेगी। यह निर्णय बुरहानपुर को प्रदेश के प्रमुख केला उत्पादन केंद्र के रूप में और अधिक सशक्त बनाएगा।

श्रीमती अर्चना चिटनिस ने बताया कि लगभग 9 वर्ष पूर्व बुरहानपुर के ग्राम फोफनार सहित 6-7 गांवों के किसानों को 30 करोड़ रुपए से अधिक की बीमा राशि सीधे उनके खातों में जमा करवाई गई थी, जो किसानों के लिए ऐतिहासिक राहत थी। उन्होंने यह भी बताया कि पूर्व में उद्यानिकी फसलों के लिए बीमा एजेंसी सुनिश्चित नहीं हो सकी थी। 6 बार टेंडर आमंत्रित करने के बावजूद एजेंसियों ने आवेदन नहीं किया, जिसके बाद उद्यानिकी विभाग के साथ बैठक कर टेंडर की शर्तों में आवश्यक संशोधन किए गए। इस विषय को लेकर उनकी एवं अन्य जनप्रतिनिधियों की माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी, कृषि मंत्री एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह जी चौहान से निरंतर भेंट एवं पत्राचार होता रहा है। विधानसभा के माध्यम से लगातार प्रयासों के परिणामस्वरूप यह निर्णय संभव हो सका।

किसानों के लिए मील का पत्थर

श्रीमती अर्चना चिटनिस ने बताया कि कैबिनेट का यह निर्णय बुरहानपुर सहित प्रदेश के किसानों को मौसम आधारित जोखिम से सुरक्षा, पारदर्शी बीमा व्यवस्था, वास्तविक क्षति का वैज्ञानिक आंकलन तथा आर्थिक स्थिरता प्रदान करेगा। विशेषकर बुरहानपुर के केला किसानों के लिए यह निर्णय भविष्य को सुरक्षित करने वाली ऐतिहासिक पहल के रूप में याद किया जाएगा।

तहसील स्तर पर स्वचालित मौसम केन्द्र एवं ग्राम पंचायत स्तर पर स्वचालित रेनगेज स्थापित

श्रीमती चिटनिस ने बताया कि मंत्रि-परिषद् द्वारा प्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के वेदर इंर्फोमेशन नेटवर्क एंड डाटा सिस्टम कार्यक्रम के क्रियान्वयन की स्वीकृति प्रदान की गई है। स्वीकृति अनुसार प्रत्येक तहसील स्तर पर स्वचालित वेदर स्टेशन और ग्राम पंचायत स्तर पर स्वचालित वर्षा मापक यंत्र स्थापित किए जाएंगे। मंत्रि-परिषद् ने इसके लिए 434 करोड़ 58 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की गयी है। “वेदर इंर्फोमेशन नेटवर्क एंड डाटा सिस्टम‘‘ कार्यक्रम के संचालन से मौसम आधारित आंकडे उपलब्ध होंगे, जिससे प्रदेश के कृषकों के हित में फसल बीमा योजना का क्रियान्वयन तेज गति से किया जा सकेगा। मौसम के उच्च गुणवत्ता आंकड़े एकल डिजिटल प्लेटफार्म पर भारत सरकार को उपलब्ध कराए जाएँगे। पाँच वर्षों की योजना पर अनुमानित व्यय 434 करोड़ 58 लाख रुपये संभावित है।

प्रेसवार्ता में भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ.मनोज माने, जिला पंचायत उपाध्यक्ष गजानन महाजन, भाजपा किसान मोर्चा अध्यक्ष अरूण पाटिल, रामभाउ सोनवणे, चिंतामन महाजन, गुलचंद्रसिंह बर्ने, बलराज नावानी, नरहरी दीक्षित, किशोर पाटिल एवं रूद्रेश्वर एंडोले सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण व पत्रकार बंधु उपस्थित रहे।

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