नेपानगर पुलिस ने ग्रामीण डाक सेवा (GDS) में नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश , थाना प्रभारी ज्ञानू जायसवाल (जिन्हें क्षेत्र में 'लेडी सिंघम' के नाम से जाना जाता है) के नेतृत्व में पुलिस ने तीन आरोपियों को हिरासत में लिया है।
नेपानगर पुलिस ने ग्रामीण डाक सेवा (GDS) में नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश , थाना प्रभारी ज्ञानू जायसवाल (जिन्हें क्षेत्र में 'लेडी सिंघम' के नाम से जाना जाता है) के नेतृत्व में पुलिस ने तीन आरोपियों को हिरासत में लिया है।
धोखाधड़ी का पूरा मामला
- आरोपी: पुलिस ने रईस खान (नेपानगर), धीरज चौधरी (खंडवा) और रामकिसान कास्डे (खंडवा) के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
- शिकायतकर्ता: पंधाना निवासी मोइनुद्दीन ने इस ठगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। उनसे नौकरी के नाम पर 5.40 लाख रुपये लिए गए थे।
- ठगी का तरीका: आरोपियों ने बेरोजगार युवाओं को डाक विभाग में सरकारी नौकरी का झांसा दिया। विश्वास जीतने के लिए उन्होंने फर्जी जॉइनिंग लेटर, अपॉइंटमेंट लेटर और ट्रेनिंग लेटर तक जारी कर दिए थे।
- कुल राशि: जांच में सामने आया कि आरोपियों ने कुल 19 अभ्यर्थियों से लगभग 1 करोड़ 4 लाख 99 हजार रुपये की ठगी की है।
पुलिस की कार्रवाई
- धाराएं: आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 318(4) और 316(5) के तहत केस दर्ज किया गया है।
- तरीका-ए-वारदात: ठगी की राशि नकद और फोन-पे (PhonePe) के माध्यम से ली गई थी। जब अभ्यर्थियों ने नौकरी न लगने पर पैसे वापस मांगे, तो आरोपियों ने अपने मोबाइल बंद कर लिए और भर्ती प्रक्रिया निरस्त होने का बहाना बनाया।
मध्य प्रदेश के नेपानगर ग्रामीण डाक सेवा में नियुक्ति दिलाने के नाम पर बेरोजगार युवकों को ठगने वाले तीन आरोपी तो को लेडी सिंघम थाना प्रभारी ज्ञानू जायसवाल के नेतृत्व में नेपा पुलिस ने आरोपियों को राउंडप कर पूछताछ शुरू कर दी है। इसमें आरोपित रईस खान पिता सलीम खा निवासी नेपानगर, धीरज चौधरी निवासी पोस्ट आफिस खंडवा और रामकिसान कास्डे मेने ब्रांच खंडवा के खिलाफ धारा
318(4)316(5) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया है। लेडी सिंघम थाना प्रभारी ज्ञानू जायसवाल ने बताया फरियादी मोइनुद्दीन पिता जैनुद्दीन निवासी ग्राम गुड्डी थाना पंधाना हाल नेपानगर निवासी ने शिकायत में बताया कि
आरोपितो द्वारा ग्रामीण डाक सेवा में नियुक्ति दिलाने के नाम से पांच लाख 40 हजार रुपये लिए थे। तीन साल बाद भी नौकरी नहीं लगने पर जब रुपये वापस मांगे तो मोबाइल बंद कर लिया।
इसके बाद अन्य युवकों के साथ भी इसी तरह रूपये लेकर ठगी कि बात सामने आई आई। पुलिस को आरोपितो ने बताया थाना नेपानगर क्षेत्र के कुल 19 अभ्यर्थियों को प्रति व्यक्ति के हिसाब से 5,40000 नगद सिक्योरिटी मनी डिपाजिट करना बता कर नगद पैसे एवं फोन पे के माध्यम से राशि ली गई। राशि रईस निवासी नेपानगर के द्वारा प्राप्त की गई एवं ट्रांसफर के नाम से भी लोगों से नगद राशि वसूल की गई। जिसमें कुल राशि 1 करोड़ 4 लाख 99 हजार रुपये की धोखाधड़ी की जाकर रईस एवं उसके साथी धीरज, रामकिशन के द्वारा फर्जी जाइनिंग लेटर, अपाइंटमेंट लेटर एवं ट्रेनिंग लेटर जारी कर आदेश दिए गए। नौकरी नहीं मिलने पर आरोपितो द्वारा भर्ती प्रक्रिया निरस्त होना बताया गया है।
सावधानी नोट: सरकारी नौकरियों के लिए हमेशा आधिकारिक वेबसाइट (जैसे indiapostgdsonline.gov.in) पर ही भरोसा करें। कोई भी विभाग नौकरी के बदले "सिक्योरिटी मनी" के नाम पर लाखों रुपये नकद नहीं मांगता है।


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