मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले में किसानों के अनोखे विरोध प्रदर्शन के बारे में है। किसान फसल बीमा और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की मांग को लेकर अर्धनग्न होकर सड़कों पर उतर आए हैं।
मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले के अन्नदाता ने फसल बीमा और एमएसपी की मांग को लेकर अनोखा प्रदर्शन किया. इस दौरान हजारों किसान अर्धनग्न होकर सड़क पर उतर आए. उनका कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगों पर फैसला नहीं लेती, वे शर्ट और चप्पल नहीं पहनेंगे. इस नज़ारे ने पूरे इलाके को झकझोर दिया
मध्यप्रदेश के किसानों का फूटा गुस्सा
यह प्रदर्शन जिले के आदिवासी बहुल खकनार ब्लॉक में हुआ, जहां भारी संख्या में किसान अर्धनग्न होकर सड़क पर उतरे. किसानों ने सीएम डॉ. मोहन यादव के नाम ज्ञापन सौंपते हुए चेतावनी दी कि 23 अक्टूबर को विशाल धरना प्रदर्शन किया जाएगा.
महाराष्ट्र में मिला लाभ, MP में क्यों नहीं?
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे किसान किशोर वासनकर ने बताया कि पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में केला किसानों को मौसम आधारित फसल बीमा का लाभ मिल रहा है. हाल ही आई आपदा में वहां किसानों को करोड़ों रुपए की बीमा राशि दी गई, जबकि मध्यप्रदेश में 2018 से केला बीमा बंद है.
किसानों की दीपावली भी रही फीकी
किशोर वासनकर ने भावुक होकर कहा कि हालात इतने खराब हैं कि किसानों के पास दीपावली पर बच्चों के लिए नए कपड़े या पटाखे तक खरीदने के पैसे नहीं हैं. इसलिए उन्होंने प्रण लिया है कि जब तक बीमा और MSP नहीं मिलेगा, तब तक शर्ट और चप्पल नहीं पहनेंगे.
सरकार अब तक मौन क्यों है? किसानों का कहना है कि हमने कई बार जिला कलेक्टर, मुख्यमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान तक अपनी समस्या पहले ही पहुंचा दी है, पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसी के विरोध में मंगलवार को किसानों ने पैदल रैली निकालकर तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा.
23 अक्टूबर से शांतिपूर्ण धरना की शुरुआत
किसानों ने कहा कि अगर हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो हम 23 अक्टूबर से शांतिपूर्ण अर्धनग्न धरना प्रदर्शन शुरू करेंगे. किसानों की प्रमुख मांगें हैं कि केला और अन्य सभी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय किया जाए और केला फसल बीमा तुरंत लागू किया जाए.
🍌 किसानों की प्रमुख मांगें और विरोध का कारण
बुरहानपुर जिले के किसानों की मुख्य मांगें और उनके प्रदर्शन के कारण इस प्रकार हैं:
केला फसल बीमा लागू करना: किसानों का कहना है कि पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में केला किसानों को मौसम आधारित फसल बीमा का लाभ मिल रहा है, और हाल की आपदा में उन्हें करोड़ों रुपये की बीमा राशि मिली है, जबकि मध्यप्रदेश में 2018 से केला बीमा बंद है।
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय करना: किसान केला और अन्य सभी फसलों पर MSP (Minimum Support Price) तय करने की मांग कर रहे हैं।
आर्थिक बदहाली: किसान नेता किशोर वासनकर ने बताया कि खराब हालात के कारण उनके पास दीपावली पर बच्चों के लिए कपड़े या पटाखे खरीदने के पैसे तक नहीं थे।
👕 विरोध का अनोखा तरीका और चेतावनी
अर्धनग्न प्रदर्शन: किसानों ने यह प्रण लिया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे शर्ट और चप्पल नहीं पहनेंगे। यह विरोध उन्होंने आदिवासी बहुल खकनार ब्लॉक में शुरू किया।
ज्ञापन और चेतावनी: किसानों ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नाम ज्ञापन सौंपा है और चेतावनी दी है कि वे 23 अक्टूबर से एक विशाल शांतिपूर्ण अर्धनग्न धरना प्रदर्शन शुरू करेंगे।
सरकार की कथित चुप्पी: किसानों का कहना है कि उन्होंने अपनी समस्या पहले भी जिला कलेक्टर, मुख्यमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान तक पहुंचाई है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
यह प्रदर्शन सरकार पर जल्द से जल्द उनकी मांगों पर विचार करने का दबाव बना रहा है।






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